महंगाई पर नियंत्रण: आलू-प्याज और बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ा, कीमतों में स्थिरता की संभावना
कृषि मंत्रालय का अनुमान है कि इस साल बागवानी फसलों का उत्पादन पिछले साल के मुकाबले 20 प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। अगर घरेलू आपूर्ति सुचारू रूप से बनी रहती है, तो अगले तीन से चार महीने में आलू, प्याज और अन्य सब्जियों के दाम में कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं हो सकती। इससे महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। इस बार रबी मौसम ने बागवानी फसलों के उत्पादन में जबरदस्त योगदान दिया है, और किसानों का उत्साह भी बढ़ा है। आलू और प्याज जैसे प्रमुख उत्पादों का रकबा बढ़ा है, जिससे महंगाई पर असर पड़ सकता है।
बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि
कृषि मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2024-25 में कुल बागवानी उत्पादन लगभग 3620.90 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल से लगभग 2 प्रतिशत अधिक है। इस वृद्धि में सबसे बड़ी भूमिका प्याज की खेती की है, जिसमें सबसे ज्यादा उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है। 2023-24 की तुलना में 2024-25 में प्याज की बुआई में 2.82 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इससे प्याज के मूल्य में स्थिरता आने की संभावना है, क्योंकि इस बार प्याज का रकबा बढ़ने से आपूर्ति में सुधार हो सकता है।
आलू का उत्पादन भी बढ़ेगा
आलू के रकबे में मामूली वृद्धि हुई है, जो 47 हजार हेक्टेयर तक पहुंची है। हालांकि, उन्नत तकनीक के कारण आलू की पैदावार में अच्छी वृद्धि की उम्मीद है। इस बार आलू का उत्पादन 595.72 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है, जो पिछले साल से 25.19 लाख टन अधिक है। इस वृद्धि से बाजार में आलू की आपूर्ति स्थिर रहने की उम्मीद है, जो महंगाई पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
अन्य सब्जियों में भी वृद्धि
इस वर्ष टमाटर, लौकी, गोभी, गाजर, करेला और खीरे के उत्पादन में वृद्धि देखी जा रही है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, सब्जियों का कुल उत्पादन 2072.08 लाख टन होने की संभावना है। इसमें टमाटर के उत्पादन में करीब 5 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इस वृद्धि से सब्जियों की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी, और कीमतों में स्थिरता आ सकती है।
प्याज का भंडारण और सरकार की पहल
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महंगाई बढ़ाने में सबसे बड़ा योगदान आलू और प्याज का होता है। हालांकि, अब सरकार ने प्याज के भंडारण की व्यवस्था को मजबूत किया है। पहले तीन लाख टन का बफर स्टॉक था, जिसे बढ़ाकर पांच लाख टन कर दिया गया है। इससे आपूर्ति में कोई रुकावट नहीं आएगी, और महंगाई को काबू में रखने में मदद मिल सकती है।
इस प्रकार, बागवानी फसलों के उत्पादन में वृद्धि और सरकार की पहल से आने वाले समय में आलू, प्याज और अन्य सब्जियों की कीमतों में स्थिरता देखने को मिल सकती है, जिससे महंगाई को काबू में रखने में मदद मिलेगी।