ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक मुलाकात: अलास्का में शुरू हुई शांति वार्ता
अलास्का के एंकरेज शहर में 16 अगस्त 2025 को एक ऐतिहासिक पल देखने को मिला, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जॉइंट बेस एल्मेंडॉर्फ-रिचर्डसन में आमने-सामने मिले। यह बैठक भारतीय समयानुसार रात 1:00 बजे और स्थानीय समय सुबह 11:30 बजे शुरू हुई। इस मुलाकात का मकसद रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के लिए ठोस समाधान निकालना है। पूरी दुनिया की नजरें इस चर्चा पर टिकी हैं, क्योंकि 2022 से चल रहे इस संघर्ष का अंत अब इस बैठक से जुड़ी उम्मीदों पर टिका है।
वार्ता का उद्देश्य और संभावनाएं
ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि उन्हें विश्वास है पुतिन युद्ध समाप्त करने के लिए तैयार हो सकते हैं, लेकिन वे इस बात से भी वाकिफ हैं कि इस वार्ता के विफल होने की 25% संभावना मौजूद है। अगर यह बातचीत सकारात्मक दिशा में बढ़ी, तो ट्रंप तुरंत एक और शिखर बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और यूरोप के कई बड़े नेता शामिल होंगे। वहीं अगर यह कोशिश नाकाम रही, तो ट्रंप ने साफ कहा है कि वे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैठक छोड़ देंगे।
पुतिन का रुख और चुनौतियां
पुतिन ने ट्रंप की शांति पहल की सराहना करते हुए इस मीटिंग में परमाणु हथियार नियंत्रण जैसे गंभीर मुद्दों पर भी चर्चा का संकेत दिया है। हालांकि, यूक्रेन के 20% हिस्से पर रूस के कब्जे का सवाल इस बैठक की सबसे बड़ी चुनौती है। पुतिन इन क्षेत्रों को अपने नियंत्रण में रखना चाहते हैं, जबकि जेलेंस्की इस मुलाकात का हिस्सा नहीं हैं।
आगे की रणनीति
ट्रंप ने वादा किया है कि वे बैठक के बाद जेलेंस्की और यूरोपीय नेताओं से संपर्क करेंगे, ताकि पुतिन और जेलेंस्की को एक ही मेज पर लाकर सीधी बातचीत कराई जा सके। अगर यह संभव होता है, तो यह बैठक न केवल युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक अहम कदम होगी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का एक ऐतिहासिक उदाहरण भी बन सकती है।
दुनिया की नज़र अलास्का पर
यह मुलाकात सिर्फ अमेरिका और रूस के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए मायने रखती है। युद्ध के चलते प्रभावित देशों और वैश्विक अर्थव्यवस्था को स्थिरता की जरूरत है, और सभी उम्मीद लगाए बैठे हैं कि अलास्का से शांति की नई शुरुआत होगी।