हिमाचल की गोद में छिपा स्वर्ग: जीभी यात्रा की पूरी प्लानिंग यहां से करें
हिमाचल प्रदेश की वादियों में बसे जीभी गांव को स्वर्ग कहा जाए तो गलत नहीं होगा। शांत वातावरण, घने जंगल, कल-कल बहती नदियाँ और ट्रेकिंग के लिए परफेक्ट रास्ते – जीभी हर उस पर्यटक के लिए है जो शांति और प्रकृति के करीब जाना चाहता है। सही योजना बनाकर इस जगह को कम समय में भी अच्छे से घूमा जा सकता है।
क्यों खास है जीभी?
जीभी, कुल्लू जिले का एक छोटा लेकिन बेहद खूबसूरत गांव है, जो इन दिनों पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है। यह स्थान अपने प्राकृतिक नजारों और सुकून भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। यहां की हरियाली, हिमालय की गोद में बसी घाटियाँ और लोकल संस्कृति इसे एक अलग पहचान देती हैं।
जीभी कैसे पहुँचे?
अगर आप दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं तो बस या कार द्वारा मनाली या कुल्लू पहुंचें। वहां से औट नामक स्थान पर उतरें, जो जीभी के रास्ते में आता है। औट से लोकल टैक्सी या बस के ज़रिए जीभी जाया जा सकता है। दिल्ली से जीभी की दूरी लगभग 500 किलोमीटर है, जिसे तय करने में करीब 12 से 14 घंटे लगते हैं।
जीभी में घूमने की बेहतरीन जगहें
इस गांव की सबसे बड़ी खासियत है यहां की विविधतापूर्ण प्राकृतिक जगहें।
- जालोरी पास – एक दर्शनीय स्थल जो ट्रेकिंग और फोटोग्राफी के लिए परफेक्ट है।
- सेरोलसर लेक – जंगलों के बीच बसी यह झील पर्यटकों का मन मोह लेती है।
- वॉटरफॉल और लोकल मंदिर – जैसे रूशी ऋषि मंदिर, जो अध्यात्म और संस्कृति से जोड़ता है।
- कैंपिंग और ट्रेकिंग – एडवेंचर प्रेमियों के लिए भी जीभी एक बेहतरीन गंतव्य है।
कब जाएं जीभी?
जीभी सालभर खुला रहता है, लेकिन यहां घूमने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर माना जाता है। सर्दियों में बर्फबारी का अनुभव भी यहां विशेष होता है, पर बर्फ के कारण कुछ रास्ते बंद हो सकते हैं। इसलिए मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें।
ट्रिप प्लानिंग के टिप्स
जीभी की यात्रा को यादगार बनाने के लिए आपको ज्यादा खर्च करने की जरूरत नहीं है।
- यात्रा पहले से प्लान करें
- लोकल स्टे और होमस्टे चुनें
- ट्रेकिंग गाइड की सहायता लें
- कैश साथ रखें क्योंकि वहां नेटवर्क की सुविधा सीमित हो सकती है