वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे: अब बच्चों से ज्यादा व्यस्क हो रहे प्रभावित, गर्भवती महिलाएं भी हैं खतरे में
हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम है “चलो इसे तोड़ दें”, यानी इस बीमारी को जड़ से खत्म करने का संकल्प। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2030 तक हेपेटाइटिस को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। लेकिन हाल की एक स्टडी के अनुसार यह लक्ष्य अभी भी मुश्किल दिखाई देता है, खासकर जब हेपेटाइटिस-A जैसी कम गंभीर मानी जाने वाली किस्म अब व्यस्कों और गर्भवती महिलाओं को तेजी से अपनी चपेट में ले रही है।
हेपेटाइटिस-A बना नया खतरा
पहले माना जाता था कि हेपेटाइटिस-A सिर्फ बच्चों में होता है और हल्का संक्रमण देता है, लेकिन अब यह व्यस्कों में भी तेजी से फैल रहा है। खासकर मुंबई और पुणे जैसे शहरी क्षेत्रों में हेपेटाइटिस-A के मरीजों की संख्या में जबरदस्त इज़ाफा देखा गया है। लिवर से जुड़ी बीमारियों जैसे लिवर कैंसर, सिरोसिस और फेलियर के मामलों में हेपेटाइटिस-A का बड़ा योगदान पाया गया है।
युवाओं और गर्भवती महिलाओं पर गंभीर असर
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अब यह बीमारी सिर्फ बच्चों तक सीमित नहीं रह गई है। युवाओं में यह संक्रमण तेजी से फैल रहा है, और इसकी एक बड़ी वजह है बचपन में टीकाकरण की कमी। जिन लोगों को समय पर हेपेटाइटिस-A का वैक्सीन नहीं मिला, उनमें इम्यूनिटी नहीं बन पाई और अब वह इस बीमारी का आसान शिकार बन रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार गर्भवती महिलाएं भी इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही हैं।
महाराष्ट्र में तेजी से बढ़े मामले
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 2022 के बाद से महाराष्ट्र में हेपेटाइटिस के 9,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें से 23,000 गर्भवती महिलाएं थीं। साल 2021 में बड़ी संख्या में लोगों ने हेपेटाइटिस के चलते लिवर ट्रांसप्लांट करवाए थे, जो इस बीमारी की गंभीरता को दर्शाता है।
क्यों बढ़ रही है बीमारी की दर?
विशेषज्ञ बताते हैं कि हेपेटाइटिस-A मुख्य रूप से दूषित पानी और भोजन से फैलता है। बरसात के मौसम में यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है क्योंकि इस समय खाने-पीने की चीजें जल्दी संक्रमित होती हैं। डॉक्टर नितिन गुप्ता के अनुसार, बाहर का खाना खाने और साफ पानी न पीने से यह संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
हेपेटाइटिस से बचाव के उपाय
- साफ और उबला हुआ पानी पिएं
- बाहर के खुले खाने से बचें
- नियमित टीकाकरण करवाएं
- बरसात के मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें
- लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें
हेपेटाइटिस एक “साइलेंट किलर” की तरह शरीर को नुकसान पहुंचाता है। समय पर जांच, जागरूकता और वैक्सीनेशन से ही इस बीमारी को 2030 तक खत्म करने का सपना पूरा हो सकता है।