पराली जलने के कारण दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी रिपोर्ट पेश कर दी है। आज सुप्रीम कोर्ट आयोग की रिपोर्ट पर सुनवाई कर सकता है।
जस्टिस अभय एस ओका, जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। 27 सितंबर को हुई सुनवाई में, शीर्ष अदालत ने दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने में सीएक्यूएम की नाकामी के लिए उन्हें फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए आयोग को अधिक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है।
पिछली सुनवाई में, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि पराली जलाने के वैकल्पिक उपकरणों का जमीनी स्तर पर उपयोग सुनिश्चित करने के प्रयास किए जाने चाहिए। शीर्ष अदालत ने सीएक्यूएम को बेहतर अनुपालन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने (सीएक्यूएम) के अध्यक्ष राजेश वर्मा से पूछा था कि क्या उन्होंने अब तक अधिनियम के किसी भी प्रावधान का पालन किया है। ऐसे में पराली से होने वाले वायु प्रदूषण से कैसे निपटेंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी बताया कि हर साल पराली जलाने की समस्या सामने आती है, लेकिन इस पर प्रभावी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि पराली से निपटने के सभी प्रयास केवल कागजों पर हो रहे हैं, और वे एक भी निर्देश दिखाने के लिए कहा था जो सीएक्यूएम ने जारी किए हों। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सीएक्यूएम अधिनियम की धारा 14 के तहत कोई कार्रवाई की गई है? कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर वे यह संदेश नहीं दे सकते कि कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी, तो ये प्रावधान केवल कागज पर रह जाएंगे।
इससे पहले, 27 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को कर्मचारियों की कमी के कारण अप्रभावी करार दिया था। राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय से पूछा गया था कि वह प्रदूषण और पराली जलाने से कैसे निपटने की योजना बना रहा है। शीर्ष अदालत ने आश्चर्य जताया कि रिक्तियों के कारण दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों से प्रतिनिधित्व की कमी के चलते सीएक्यूएम द्वारा गठित सुरक्षा और प्रवर्तन पर उप-समिति कैसे कार्य कर सकती है? कोर्ट ने पांच एनसीआर राज्यों को रिक्त पदों को तुरंत भरने का निर्देश दिया था।