स्वास्थ्य और जीवन बीमा टैक्स-फ्री, जनता को मिली बड़ी राहत
केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद आम जनता को बड़ी राहत देते हुए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को टैक्स-फ्री करने का बड़ा फैसला लिया है। अब तक इन पर 18% जीएसटी लगाया जाता था, लेकिन नए सुधारों के तहत यह पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इस कदम से करोड़ों लोगों को सीधा फायदा होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं पर बोझ कम
जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी पर जीएसटी हटने से बीमा प्रीमियम अब पहले से सस्ते हो जाएंगे। इससे खासतौर पर मध्यम वर्ग, नौकरीपेशा लोग और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी राहत मिलेगी। बीमा क्षेत्र के जानकारों का कहना है कि इस निर्णय से लोगों में बीमा लेने की प्रवृत्ति बढ़ेगी और हेल्थ कवरेज के दायरे में अधिक लोग शामिल हो पाएंगे।
दवाइयां और मेडिकल उपकरण भी होंगे सस्ते
सरकार ने सिर्फ बीमा पर ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले मेडिकल उपकरणों और जरूरी सामान पर भी टैक्स घटा दिया है। नए जीएसटी स्लैब के तहत अब थर्मामीटर, ऑक्सीजन, ग्लूकोमीटर, डायग्नोस्टिक किट, करेक्टिव चश्मे और अन्य जरूरी स्वास्थ्य उपकरण कम दामों पर उपलब्ध होंगे।
घरेलू सामान पर भी कम टैक्स
जनता की जेब को ध्यान में रखते हुए रोजमर्रा के उत्पादों को भी सस्ता किया गया है। अब टूथपेस्ट, शैम्पू, साबुन और बेबी डायपर जैसी जरूरी चीजों पर भी कम जीएसटी लगेगा। यह फैसला खासकर उन परिवारों के लिए राहतभरा है, जिनका बजट महंगाई की वजह से पहले से ही दबाव में है।
प्रधानमंत्री ने बताया ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सुधार को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह निर्णय आम आदमी, किसानों, महिलाओं, युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि हर वर्ग तक आर्थिक सुधारों का लाभ पहुंचे। इससे पहले 15 अगस्त के अवसर पर भी उन्होंने जीएसटी सुधारों का संकेत दिया था और अब यह लागू कर दिया गया है।
क्या होगा असर?
विशेषज्ञों के अनुसार, बीमा पर टैक्स हटने से लोगों का भरोसा और बढ़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च कम होगा और अधिक लोग मेडिकल इंश्योरेंस लेना पसंद करेंगे। वहीं, दवाइयों और मेडिकल उपकरणों के सस्ते होने से आम जनता की जेब पर पड़ने वाला बोझ हल्का होगा।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, सरकार का यह कदम देश की जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। टैक्स-फ्री हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस के साथ-साथ जरूरी सामान और मेडिकल उपकरणों पर कम जीएसटी लगने से आम लोगों को सीधा फायदा होगा। यह सुधार भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं और घरेलू बजट को और भी सुलभ बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।