हाथरस के रसगवां स्थित डीएल पब्लिक स्कूल के कक्षा दो के 11 वर्षीय छात्र कृतार्थ की हत्या में तंत्र-मंत्र का घिनौना खेल सामने आया है। पुलिस द्वारा किए गए खुलासे में बताया गया कि स्कूल प्रबंधक के पिता, जो तांत्रिक हैं, ने अपने बेटे और एक शिक्षक की मदद से मासूम कृतार्थ को छात्रावास से रात में उठाया। जब वे उसे जंगल की ओर ले जा रहे थे, तब कृतार्थ जाग गया और रोने लगा। उसकी आवाज़ को दबाने के लिए उन्होंने निर्दयता से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी।
इसके बाद, प्रबंधक ने कृतार्थ के शव को अपनी गाड़ी में रखा और शव को ठिकाने लगाने के लिए इधर-उधर घूमता रहा। इसी बीच, उसने कृतार्थ के पिता को फोन कर यह झूठी सूचना दी कि उनके बेटे की तबीयत खराब हो गई है और वह उसे डॉक्टर के पास ले जा रहा है।
हालांकि, परिवार को शक हुआ और उन्होंने सादाबाद के पास प्रबंधक की गाड़ी को रोक लिया। जब गाड़ी की तलाशी ली गई, तो उसमें कृतार्थ का शव पाया गया। इस भयावह घटना का पर्दाफाश बृहस्पतिवार को पुलिस ने किया, जिसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है।
कृतार्थ का शव 23 सितंबर को स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल की कार में सादाबाद के पास मिला था। उस समय दिनेश बघेल ने पुलिस को बताया कि कृतार्थ की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी और वह उसे अस्पताल ले जा रहा था। पहले वह सादाबाद के अस्पताल ले गया और फिर आगरा ले गया, जहां डॉक्टरों ने कृतार्थ को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद, वह शव को वापस लेकर लौट रहा था।
पुलिस ने शुरुआती जांच में दिनेश की कहानी को सही मान लिया और परिवार को शांत करने के लिए शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हालांकि, जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई, तो उसने पूरे मामले का रुख ही बदल दिया। रिपोर्ट में जो तथ्य सामने आए, उनसे यह स्पष्ट हो गया कि कृतार्थ की मौत प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि उसकी हत्या की गई थी। इससे पूरे हत्याकांड की सच्चाई धीरे-धीरे सामने आने लगी और पुलिस ने गहराई से जांच शुरू की, जिससे इस सनसनीखेज तंत्र-मंत्र हत्या का खुलासा हुआ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कृतार्थ की गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई, जिसके बाद से ही पुलिस ने स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल को हिरासत में ले लिया था। लेकिन इस हत्या के पीछे की वजह और इसे अंजाम देने वाले लोगों की पहचान तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाई थी। पुलिस ने स्कूल के अन्य बच्चों के भी बयान दर्ज किए, लेकिन कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
बाद में जांच में यह सामने आया कि प्रबंधक दिनेश बघेल का पिता जसोदन तंत्र-मंत्र करता है। इस जानकारी के आधार पर पुलिस ने जसोदन को हिरासत में ले लिया और कड़ी पूछताछ शुरू की। पूछताछ में जसोदन ने परत दर परत इस खौफनाक साजिश का खुलासा कर दिया।
एएसपी अशोक कुमार के अनुसार, आरोपियों ने बताया कि जब हॉस्टल में सभी बच्चे सो गए थे, तब शिक्षक रामप्रकाश सोलंकी रात को 12 बजे कृतार्थ के पास पहुंचा और उसे गोद में उठाकर बाहर ले आया। इसी दौरान कृतार्थ की आंख खुल गई और वह रोने लगा। घबराहट में रामप्रकाश ने उसका मुंह दबा दिया और उसे प्रधानाचार्य कक्ष के बाहर बिछे तख्त पर ले जाकर गला दबा दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
इस हत्या के दौरान कंप्यूटर शिक्षक वीरपाल उर्फ वीरू और प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह वहां मौजूद थे और निगरानी कर रहे थे। जसोदन ने पहले ही अपने बेटे दिनेश बघेल को इस बलि की योजना के बारे में बता रखा था। दिनेश बघेल शव को ठिकाने लगाने के लिए पूरी तरह तैयार था। हत्या के बाद, वे शव को ठिकाने लगाने के लिए स्कूल से बाहर निकल गए, लेकिन सादाबाद में पुलिस ने उन्हें शव के साथ ही पकड़ लिया।
कृतार्थ की बलि देने की पूरी साजिश स्कूल से महज 15 कदम दूर स्थित एक ट्यूबवेल की कोठरी में रची गई थी। योजना के अनुसार, कृतार्थ को वहां ले जाकर रस्सी से गला दबाकर उसकी बलि देनी थी। पुलिस ने मौके से रस्सी, धार्मिक तस्वीरें और एक चाभी बरामद की हैं, जो इस भयानक तंत्र-मंत्र की योजना का सबूत है।
एएसपी अशोक कुमार के अनुसार, इस तांत्रिक गतिविधि के चलते कृतार्थ की निर्मम हत्या की गई। पुलिस ने इस मामले में स्कूल प्रबंधक के पिता जसोदन, प्रबंधक दिनेश बघेल, प्रधानाचार्य लक्ष्मण सिंह, और दो शिक्षकों—रामप्रकाश सोलंकी और वीरपाल उर्फ वीरू को गिरफ्तार कर लिया है।