हरियाणा बोर्ड 12वीं रिजल्ट 2025: 18 स्कूलों से एक भी छात्र पास नहीं, नूंह के 6 स्कूलों का पासिंग प्रतिशत शून्य
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड (HBSE) ने 14 मई को 12वीं कक्षा का रिजल्ट जारी किया था, जिसमें कुल मिलाकर राज्य का पासिंग प्रतिशत 85% से ऊपर रहा। लेकिन रिजल्ट में कुछ ऐसे चौंकाने वाले तथ्य भी सामने आए, जो चिंता का विषय बन गए हैं। बोर्ड ने जिन 100 सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची जारी की है, उसमें 18 स्कूल ऐसे हैं, जहां से एक भी छात्र पास नहीं हो पाया। यानी इन 18 स्कूलों का पासिंग प्रतिशत शून्य दर्ज हुआ है।
10 जिलों के 18 स्कूलों का प्रदर्शन सबसे खराब
इन 18 स्कूलों में से सबसे खराब प्रदर्शन नूंह जिले के स्कूलों का रहा है। नूंह के 6 स्कूलों का पासिंग प्रतिशत जीरो है। इसके अलावा फरीदाबाद के 4 स्कूल, गुड़गांव, हिसार, झज्जर, करनाल, पलवल, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर से भी एक-एक स्कूल इस सूची में शामिल हैं। कुल मिलाकर इन स्कूलों से 59 छात्रों ने परीक्षा दी थी, जिनमें से किसी भी छात्र का पास होना संभव नहीं हो पाया। विशेष रूप से यमुनानगर के हिंदू गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 23 छात्रों ने परीक्षा दी थी, पर दुर्भाग्यवश सभी फेल हो गए।
नूंह जिले की स्थिति सबसे गंभीर
हरियाणा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. पवन कुमार ने बताया कि राज्य का कुल परिणाम तो संतोषजनक है, लेकिन कुछ जिलों का प्रदर्शन अत्यंत खराब है। नूंह जिले की स्थिति सबसे खराब है, क्योंकि खराब प्रदर्शन करने वाले 100 स्कूलों में से 62 यहीं से हैं। इस बात ने शिक्षा अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है और उन्होंने तुरंत जांच शुरू कर दी है।
स्कूलों में पढ़ाई की गंभीर स्थिति
फरीदाबाद के जसाना स्थित नंबरदार पब्लिक स्कूल में भी सभी छात्र फेल हुए हैं। इस स्कूल के प्रिंसिपल धीर सिंह नागर ने बताया कि कई छात्र नियमित कक्षा में उपस्थित नहीं थे या समय पर परीक्षा देने का मौका नहीं मिला। वहीं, नूंह जिले के ओथा में सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में भी कोई छात्र पास नहीं हो पाया। यहां की सबसे बड़ी समस्या अंग्रेजी के शिक्षक की कमी है। पिछले तीन साल से इस स्कूल में अंग्रेजी विषय के लिए पीजीटी शिक्षक नहीं नियुक्त किए गए हैं, जिससे छात्रों को पढ़ाई में भारी दिक्कतें आई हैं।
बोर्ड ने की सख्त कार्रवाई की शुरुआत
हरियाणा बोर्ड ने इन खराब प्रदर्शन वाले स्कूलों की जांच शुरू कर दी है। बोर्ड के अधिकारी इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द ही जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर सकते हैं। बोर्ड का उद्देश्य है कि शिक्षा का स्तर सुधरे और भविष्य में इस तरह की स्थिति पुनः न आए। स्कूलों की मनोवैज्ञानिक और शैक्षिक मदद के लिए भी कदम उठाए जाएंगे ताकि छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके।
निष्कर्ष
हरियाणा बोर्ड के 12वीं के रिजल्ट में कुछ स्कूलों का प्रदर्शन न सिर्फ छात्रों के लिए बल्कि पूरे शिक्षा तंत्र के लिए चुनौती बन गया है। खासतौर पर नूंह जिले में स्कूलों की स्थिति चिंता जनक है, जो शिक्षा में सुधार की जरूरत को दर्शाता है। जिम्मेदार अधिकारियों और शिक्षकों की जवाबदेही तय करना और शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना अब प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि भविष्य में छात्रों का भविष्य उज्जवल बन सके।