उत्तर भारत के दो राज्यों, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर, में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं और आज परिणामों का दिन है। हरियाणा में चुनाव नियमित रूप से पांच साल के अंतराल पर हुए हैं, जबकि जम्मू-कश्मीर में यह 10 साल बाद पहली बार हो रहे हैं। 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर इसे लद्दाख से अलग करते हुए केंद्रशासित प्रदेश बना दिया था। जम्मू-कश्मीर अभी भी केंद्रशासित प्रदेश है, और अब यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं।
चुनाव की घोषणा
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा के विधानसभा चुनावों की घोषणा की। इस घोषणा के साथ ही दोनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। जम्मू-कश्मीर में मतदान तीन चरणों में हुआ: 18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्टूबर को। पहले चरण में 24, दूसरे में 26, और तीसरे चरण में 40 सीटों पर वोटिंग हुई। वहीं, हरियाणा में 5 अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर एक साथ मतदान हुआ।
एग्जिट पोल का निष्कर्ष
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की 90-90 सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर में चुनाव तीन चरणों में जबकि हरियाणा में एक चरण में हुए। 5 अक्टूबर को मतदान संपन्न होने के बाद शाम छह बजे एग्जिट पोल सामने आए। विभिन्न एग्जिट पोल्स के अनुसार, हरियाणा में 10 साल बाद सत्ता परिवर्तन होने की संभावना है, जहां कांग्रेस पार्टी बहुमत प्राप्त कर बीजेपी को सत्ता से बाहर करने की स्थिति में है। जम्मू-कश्मीर में नैशनल कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा दिखाई दे रही है, और एग्जिट पोल्स में यह बताया गया है कि दोनों पार्टियों को लगभग समान सीटें मिल सकती हैं।
जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का परिचय
जम्मू-कश्मीर दो संभागों में बांटा गया है: जम्मू और कश्मीर। इसमें कुल 20 जिले हैं: जम्मू, कठुआ, सांबा, पुंछ, राजौरी, उधमपुर, रियासी, रामबन, डोडा, किश्तवाड़, श्रीनगर, अनंतनाग, पुलवामा, कुपवाड़ा, शोपियां, गंदेरबल, बांदीपोरा, बारामुल्ला, बडगाम, और कुलगाम। वहीं, हरियाणा छह प्रभागों में विभाजित है: अंबाला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, रोहतक, और करनाल। यहां कुल 22 जिले हैं: अंबाला, कुरुक्षेत्र, पंचकुला, यमुना नगर, फरीदाबाद, पलवल, नूह, गुरुग्राम, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, फतेहाबाद, जींद, हिसार, सिरसा, झज्जर, रोहतक, चरखी, दादरी, सोनीपत, भिवानी, करनाल, पानीपत, और कैथली।