युवाओं के लिए बदले जाएंगे सरकारी नियम, PM मोदी ने बनाई टास्क फोर्स
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के युवाओं के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने घोषणा की कि अब सरकारी नियम और नीतियां नई पीढ़ी की जरूरतों के हिसाब से बदली जाएंगी। इसके लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो वर्तमान नियमों को 21वीं सदी के अनुकूल बनाने का काम करेगी।
युवाओं के सामने सबसे बड़ी चुनौती – जटिल नियम
आज देश के ज्यादातर युवा स्टार्टअप या बिजनेस शुरू करने का सपना देखते हैं। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि 90% से ज्यादा युवा अपने सपने को हकीकत में नहीं बदल पाते। इसका सबसे बड़ा कारण आर्थिक या पारिवारिक नहीं, बल्कि सरकारी नियमों की जटिलता है।
- विभागीय प्रक्रियाओं की लंबी लिस्ट
- बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर
- कंप्लायंस की मुश्किलें
इन कारणों से कई युवा बिजनेस शुरू करने के बजाय नौकरी को आसान विकल्प मान लेते हैं।
टास्क फोर्स का काम और लक्ष्य
पीएम मोदी ने लाल किले से कहा कि यह टास्क फोर्स एक निश्चित समय सीमा में अपना टारगेट पूरा करेगी। इसके मुख्य कार्य होंगे:
- पुराने और जटिल सरकारी नियमों की समीक्षा करना
- उन्हें सरल और आधुनिक बनाना
- वैश्विक मानकों को ध्यान में रखते हुए बदलाव करना
यह टास्क फोर्स न केवल उद्योगों और स्टार्टअप्स से जुड़े कानूनों में सुधार करेगी, बल्कि उन्हें युवाओं के लिए अधिक सुलभ बनाएगी।
क्यों जरूरी है यह बदलाव?
पीएम मोदी ने साल 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसका बड़ा हिस्सा युवाओं और उद्यमियों पर निर्भर है। लेकिन फिलहाल उद्योग और स्टार्टअप सेक्टर में लागू कई नियम दशकों पुराने हैं। नई पीढ़ी चाहती है कि बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया
- आसान हो
- कम स्टेप में पूरी हो
- समय और लागत दोनों में बचत हो
इन्हीं जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह टास्क फोर्स बनाई गई है।
स्टार्टअप्स की स्थिति
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में केवल 10% युवा ही स्टार्टअप शुरू करते हैं, और उनमें से 90% असफल हो जाते हैं। इसकी बड़ी वजह है:
- फंड की कमी
- प्रबंधन में गलती
- अनुभव की कमी
- सरकारी कंप्लायंस का दबाव
DPIIT के अनुसार, पिछले साल तक भारत में 1.17 लाख से ज्यादा स्टार्टअप रजिस्टर्ड थे, लेकिन बड़ी संख्या में वे चुनौतियों से जूझ रहे हैं।
युवाओं को मिलेगा आत्मविश्वास
पीएम मोदी ने कहा कि इन सुधारों के बाद युवाओं को नई हिम्मत मिलेगी।
- कंप्लायंस कॉस्ट कम होगी
- लॉजिस्टिक सपोर्ट और प्रक्रियाओं में तेजी आएगी
- उद्यमियों को ज्यादा स्वतंत्रता और अवसर मिलेंगे
इस रिफॉर्म का मकसद है कि आने वाले सालों में भारत के युवा बिना अनावश्यक रुकावटों के अपने स्टार्टअप और बिजनेस के सपने पूरे कर सकें।