सरकार ने ₹1,435 करोड़ से PAN 2.0 Project को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को केंद्रीय आर्थिक मामले की मंत्रिमंडल समिति (CCEA) ने ₹1,435 करोड़ की लागत से PAN 2.0 Project को मंजूरी दी। इस परियोजना के तहत आयकर विभाग के मौजूदा सिस्टम को अपग्रेड किया जाएगा, जिससे व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा, उपयोगकर्ता अनुभव और डिजिटल एकीकरण में सुधार होगा।
PAN 2.0 के लाभ और उद्देश्य
सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मीडिया को बताया कि PAN 2.0 से व्यक्तिगत पहचान के लिए एक सामान्य पहचानकर्ता का निर्माण होगा, जिसे व्यापारों और अन्य सरकारी एजेंसियों के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। यह व्यवसाय समुदाय की लंबित मांग को पूरा करेगा। मंत्री ने कहा, “PAN कार्ड हमारे जीवन का अहम हिस्सा है, खासकर मध्यवर्ग और छोटे व्यवसायों के लिए। यह अब तक के सबसे बड़े उन्नयन से गुजरने जा रहा है।”
PAN 2.0 Project के मुख्य उद्देश्य
PAN 2.0 का उद्देश्य प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन के माध्यम से करदाता पंजीकरण सेवाओं को बेहतर बनाना है। इस परियोजना में संगठित डेटा, सुरक्षा, और इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के लिए इको-फ्रेंडली प्रक्रियाएं शामिल हैं। डिजिटल इंडिया की दिशा में यह कदम सरकार की दृष्टि को साकार करेगा, जिससे PAN को सामान्य पहचानकर्ता के रूप में सभी सरकारी एजेंसियों के डिजिटल सिस्टम में उपयोग किया जा सकेगा।
PAN 2.0 के कार्यान्वयन की योजना
इस परियोजना के तहत PAN/TAN सेवाओं को पुनः डिज़ाइन किया जाएगा, जिससे करदाताओं को बेहतर डिजिटल अनुभव प्राप्त होगा। PAN 2.0 को PAN/TAN 1.0 सिस्टम के उन्नयन के रूप में देखा जा रहा है, जो सार्वजनिक और निजी भागीदारों के साथ इंटीग्रेशन को आसान बनाएगा। इसके अलावा, पैन कार्ड की ऑनलाइन प्रारंभिक प्रक्रिया को अधिक कुशल बनाया जाएगा, जिससे सेवाओं में तेजी आएगी और डेटा सुरक्षा में सुधार होगा।
आगे की योजनाएँ और टेंडर प्रक्रिया
आयकर विभाग ने पहले ही अगस्त में PAN 2.0 परियोजना के लिए एक सेवा प्रदाता के चयन के लिए टेंडर जारी किया था। इसमें इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास, सॉफ़्टवेयर इंटीग्रेशन, और डेटा माइग्रेशन जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। इस परियोजना के माध्यम से आयकर विभाग के अधिकारियों और करदाताओं के लिए एक सहज और उन्नत डिजिटल प्रणाली सुनिश्चित की जाएगी।