मध्यप्रदेश में अब अंतिम यात्रा के लिए मिलेगा मुफ्त शव वाहन, सीएम ने दिखाई 148 वाहनों को हरी झंडी
गरीबों के लिए सरकार की बड़ी पहल
मध्यप्रदेश सरकार ने एक मानवीय और संवेदनशील कदम उठाते हुए अंतिम यात्रा को सम्मानजनक बनाने की दिशा में एक नई पहल की शुरुआत की है। अब राज्य के अस्पतालों से मृतकों के शवों को घर तक पहुंचाने के लिए निःशुल्क शव वाहन सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इस सेवा की शुरुआत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 29 जुलाई से की है।
148 शव वाहन किए गए रवाना
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल स्थित अपने निवास से 148 नए शव वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ये वाहन अब प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में सेवा के लिए तैनात किए जाएंगे। इस सेवा का पूरा खर्च मध्यप्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
प्रत्येक ज़िले में होंगे शव वाहन उपलब्ध
इस योजना के तहत, सभी चिकित्सा महाविद्यालयों वाले जिलों में 4-4 वाहन और शेष अन्य जिला अस्पतालों में 2-2 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। इससे राज्य के दूरदराज़ क्षेत्रों में भी लोगों को लाभ मिलेगा। यह सुविधा गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी।
सीएम ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
मुख्यमंत्री ने इस पहल की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा करते हुए कहा,
“इस सेवा से विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर नागरिकों को अपने स्वजन की अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक संपन्न कराने में सहायता मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि अंतिम संस्कार तक की प्रक्रिया में किसी परिवार को आर्थिक संकट से न गुजरना पड़े।
राहगीर योजना को भी मिला विस्तार
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की। राहगीर योजना के तहत यदि कोई व्यक्ति सड़क दुर्घटना के शिकार घायल को एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचाता है और उसकी जान बच जाती है, तो सरकार उस मददगार को ₹25,000 रुपये का प्रोत्साहन देगी।
इस योजना का मकसद है लोगों को आपातकालीन स्थिति में मदद के लिए प्रेरित करना और सड़क दुर्घटनाओं में मृत्युदर को कम करना।
सामाजिक कल्याण की दिशा में मजबूत कदम
मध्यप्रदेश सरकार की यह पहल न केवल स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को बढ़ाती है, बल्कि अंतिम संस्कार जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया को सम्मानजनक रूप देने में भी मदद करती है। साथ ही, राहगीर योजना से लोगों में दूसरों की मदद करने की भावना को बढ़ावा मिलेगा। यह कदम सरकार की संवेदनशीलता और जनकल्याण के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।