प्रेग्नेंसी में ज़रूर करें ये योगासन: मां और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद
हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, और इस खास मौके पर प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी योग का महत्व समझना बेहद जरूरी है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आते हैं, ऐसे में अगर सही योग और प्राणायाम किए जाएं, तो यह न केवल मां की सेहत के लिए बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए भी अत्यंत लाभकारी साबित हो सकते हैं।
कब शुरू करें योग?
विशेषज्ञों की मानें तो प्रेग्नेंसी के दूसरे या तीसरे महीने के बाद योग शुरू करना ज्यादा सुरक्षित होता है। पहले तीन महीने में भ्रूण का विकास नाज़ुक होता है, इसलिए योग करने से पहले किसी योग्य डॉक्टर या योग प्रशिक्षक से सलाह अवश्य लेनी चाहिए।
कौन-कौन से योगासन हैं फायदेमंद?
🌿 मार्जरी आसन (कैट-काउ पोज)
यह आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पीठ दर्द से राहत देता है। इसके नियमित अभ्यास से बच्चे की पोजिशन बेहतर बनी रहती है और पीठ की अकड़न, थकावट व तनाव दूर होता है।
🌿 ताड़ासन
ताड़ासन शरीर में संतुलन बढ़ाने वाला आसन है। यह ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है, शरीर में ऊर्जा का संचार करता है और थकान दूर करता है। प्रेग्नेंसी के दौरान स्थिरता बनाए रखने में भी यह सहायक है।
🌿 बद्धकोणासन (तितली आसन)
इस आसन को करने से जांघ और कूल्हे की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। यह डिलीवरी को आसान बनाता है और कब्ज व गैस की समस्या से राहत देता है। साथ ही यह गर्भाशय को सपोर्ट देकर बच्चे की ग्रोथ में मदद करता है।
जरूरी प्राणायाम भी करें
🌬️ अनुलोम-विलोम प्राणायाम
यह प्राणायाम मन को शांत करता है, चिंता दूर करता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाता है। यह हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है और मां-बच्चे दोनों के लिए बेहद जरूरी माना जाता है।
🌬️ भ्रामरी प्राणायाम
यह मानसिक तनाव और डर को कम करता है। भ्रामरी करने से हार्मोन बैलेंस बना रहता है और प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाली मानसिक परेशानियों से राहत मिलती है।
🌬️ वज्रासन
वज्रासन पाचन शक्ति को सुधारता है और प्रेग्नेंसी में होने वाली गैस, एसिडिटी और अपच से राहत दिलाता है। यह पैरों और पीठ के दर्द में भी कारगर होता है।
खानपान का रखें विशेष ध्यान
योग के साथ-साथ सही खानपान भी बेहद जरूरी है। प्रेग्नेंसी के दौरान छोटे-छोटे अंतराल में भोजन करना फायदेमंद होता है। आयरन युक्त खाद्य पदार्थ, विटामिन्स, साबुत अनाज, दालें और फाइबर का सेवन जरूर करें, ताकि बच्चे की सही ग्रोथ हो सके।
निष्कर्ष
गर्भावस्था एक सुंदर लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है। इस दौरान हल्के योगासन और सही प्राणायाम करने से न केवल मां का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बल्कि बच्चे के संपूर्ण विकास में भी सहायता मिलती है। योग को दिनचर्या का हिस्सा बनाकर इस खास समय को और भी स्वस्थ और आनंदमय बनाया जा सकता है।