5000 फीट की ऊंचाई पर फेल हुआ इंजन, बोइंग ड्रीमलाइनर की इमरजेंसी लैंडिंग से टली बड़ी दुर्घटना
✈️ हवा में ही पायलट ने दिखाया सूझ-बूझ, बचाई सैकड़ों जानें
विमान के इंजन में आई खराबी
यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA108 ने 25 जुलाई को वाशिंगटन से म्यूनिख के लिए उड़ान भरी थी। उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद ही विमान के बाएं इंजन में खराबी आ गई। उस समय विमान लगभग 5,000 फीट की ऊंचाई पर था। स्थिति गंभीर थी, इसलिए पायलट ने तुरंत “मेडे” कॉल जारी की, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इमरजेंसी संकेत के रूप में दिया जाता है।
हवा में दो घंटे 38 मिनट तक चक्कर
इंजन फेल होते ही पायलट ने विमान को एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क कर सुरक्षित लैंडिंग की अनुमति मांगी। हालांकि, विमान में मौजूद ईंधन की अधिकता को देखते हुए उसे तुरंत उतारना संभव नहीं था। इसलिए विमान को वाशिंगटन के उत्तर-पश्चिम इलाके में दो घंटे 38 मिनट तक हवा में ही चक्कर लगवाया गया, ताकि ईंधन की मात्रा घटाई जा सके। इसके बाद विमान को सुरक्षित रूप से वाशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतार लिया गया।
यात्रियों की सांसें थमीं, लेकिन टला हादसा
इस घटना ने सभी यात्रियों की जान जोखिम में डाल दी थी, लेकिन पायलट की सूझबूझ और प्रोफेशनलिज्म के चलते एक बड़ी दुर्घटना टल गई। सभी यात्री सुरक्षित उतरे और किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। घटना के दौरान फ्लाइट क्रू और ग्राउंड स्टाफ पूरी सतर्कता से स्थिति को संभालते रहे।
हालिया घटनाओं से बढ़ी चिंता
यह घटना उस समय हुई जब कुछ ही घंटे पहले डेनवर एयरपोर्ट पर अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट में केबिन से धुआं निकलने की वजह से यात्रियों को इमरजेंसी स्लाइड के जरिए बाहर निकाला गया था। इसके अलावा, यह दुर्घटना हाल ही में अहमदाबाद एयर इंडिया की फ्लाइट में आई तकनीकी खराबी की भी याद दिलाती है, जिसमें 787-8 ड्रीमलाइनर के इंजन ने उड़ान भरते ही काम करना बंद कर दिया था।
तकनीकी खामियों पर उठे सवाल
ड्रीमलाइनर श्रेणी के विमानों में बार-बार तकनीकी खामियों की खबरें अब चिंता का विषय बनती जा रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे विमानों के नियमित निरीक्षण और रखरखाव की प्रक्रिया और सख्त होनी चाहिए, ताकि यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता न हो।
निष्कर्ष
वाशिंगटन से म्यूनिख जा रही यूनाइटेड एयरलाइंस की फ्लाइट UA108 में हुई यह तकनीकी गड़बड़ी एक बड़ा हादसा बन सकती थी, लेकिन सतर्क पायलट और टीम की बदौलत सैकड़ों जिंदगियाँ बच गईं। यह घटना विमानन कंपनियों के लिए एक चेतावनी भी है कि सुरक्षा मानकों में कोई भी ढील भविष्य में गंभीर परिणाम ला सकती है।