जानकारी के अनुसार आज शनिवार की शाम लगभग चार बजे बुढार सायडिंग से कोयला लोड करने के बाद मालगाड़ी बुढार की ओर जा रही थी , इसी दौरान जैसे ही मालगाड़ी आगे बड़ी कुछ ही दूर बाद एक एक करके आठ डिब्बे पटरी से नीचे उतर गये | जब गाडी आगे न बढ़ने का अहसास चालाक को घटना का अहसास हुआ |
विदित हो कि उक्त रेल सायडिंग से प्रतिदिन कई मालगाड़ियो में कोयला लोड कर रवाना किया जाता है ,लेकिन वर्षो पुरानी इन रेल पटरियों की खस्ताहाल स्थिति की ओर न तो रेल प्रबंधन के जिम्मेदारो का ध्यान गया और न ही वहाँ मौजूद कालरी के | यदि ऐसे में किसी प्रकार की जनहानि हो जाती तो इसका जिम्मेदार कौन होता |
उक्त सायडिंग से मालगाड़ी निकलने के बाद जिस स्थान पर काँटा किया जाता है ,वहाँ के रेल पटरियों की हालत भी खस्ताहाल स्थिति में है | पटरियों के नीचे लगी स्लीपर के पास की गिट्टी व मिटटी का कटाव हो चुका है | लेकिन इसमे सुधार करने की जरूरत नहीं समझी जा रही है |