जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की वजह क्या गंभीर बीमारी है?
देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस फैसले के पीछे उनकी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों को प्रमुख कारण माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, मार्च 2025 में उन्हें अचानक सीने में तेज दर्द और बेचैनी की शिकायत हुई थी, जिसके बाद उन्हें तुरंत दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया।
एम्स में चला था इलाज, हार्ट में डाला गया स्टेंट
जगदीप धनखड़ को 9 मार्च की सुबह एम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया। शुरुआती जांच के बाद पता चला कि उन्हें दिल की गंभीर बीमारी है। उनका इलाज कार्डियोलॉजी विभाग के वरिष्ठ डॉक्टर की निगरानी में हुआ। हालत नाजुक होने के कारण उन्हें क्रिटिकल केयर यूनिट में शिफ्ट किया गया, जहां उनकी एक सर्जरी भी की गई। इस दौरान उनके हार्ट में स्टेंट डाला गया और तीन दिन तक उन्हें निगरानी में रखा गया। हालात स्थिर होने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया।
इस्तीफे में स्वास्थ्य को बताया मुख्य कारण
जगदीप धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिए अपने इस्तीफे में स्पष्ट रूप से लिखा कि वह अपने स्वास्थ्य कारणों से उपराष्ट्रपति पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) का हवाला देते हुए कहा कि अब उनकी प्राथमिकता स्वास्थ्य है, इसलिए वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं। इस्तीफे में उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का आभार व्यक्त किया।
पहले भी उठे थे इस्तीफे के सुर
धनखड़ के इस्तीफे से जुड़ी चर्चा पहले भी हो चुकी है। बीते साल विपक्षी दलों के गठबंधन ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश की थी। विपक्ष का आरोप था कि वह राज्यसभा में पक्षपातपूर्ण ढंग से कार्यवाही संचालित करते हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने बयान दिया था कि उच्च सदन में निष्पक्षता की भावना के खिलाफ कार्य हो रहा है और ऐसे में गठबंधन के पास उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।
स्वास्थ्य कारणों पर उठ रहे सवाल
धनखड़ के इस्तीफे के बाद चर्चा यह भी है कि क्या उनकी दिल की बीमारी ही इसका मूल कारण है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि मार्च में जो स्वास्थ्य समस्या सामने आई थी, वह गंभीर थी और उस समय की सर्जरी के बाद भी उन्हें पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाया था। लगातार तनाव और व्यस्तता भरी दिनचर्या ने शायद उनके स्वास्थ्य को और प्रभावित किया।
अब जबकि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, राजनीतिक हलकों में यह भी देखा जा रहा है कि उनके स्थान पर अगला उपराष्ट्रपति कौन होगा और सत्ता समीकरण कैसे बदल सकते हैं।