सावन के अंतिम सोमवार को शिव भक्तों की उमड़ी भीड़, काशी में फूलों की वर्षा
ओडिशा की बेटी की मौत पर श्रद्धांजलि, सियासत भी तेज़
भक्ति और आस्था के प्रतीक सावन मास के अंतिम सोमवार को देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। वहीं ओडिशा में 15 वर्षीय पीड़िता की मौत के बाद भावनाएं और राजनीति दोनों उफान पर हैं।
शिव मंदिरों में उमड़ा जनसैलाब
आज सावन का अंतिम सोमवार है और इस पावन अवसर पर देशभर के शिवालयों में भक्तों की भीड़ देखने को मिली। सुबह होते ही श्रद्धालु जलाभिषेक और भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिरों में लंबी कतारों में खड़े नजर आए।
काशी विश्वनाथ, बाबा बैद्यनाथ, महाकालेश्वर जैसे प्रमुख शिवधामों में भक्तों ने पूरी श्रद्धा के साथ पूजा-अर्चना की।
काशी में पुष्पवर्षा ने बढ़ाया भक्ति भाव
काशी के शिव मंदिर में भक्तों की लंबी कतार लगी रही। मंदिर प्रशासन और स्थानीय लोगों की ओर से लाइन में खड़े श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा की गई।
पुष्पवर्षा का यह दृश्य भक्तों के लिए भावुक कर देने वाला रहा और पूरे माहौल को भक्ति के रंग में रंग दिया।
ओडिशा की बेटी की दर्दनाक मौत
ओडिशा के पुरी जिले के बलंगा क्षेत्र की एक 15 वर्षीय किशोरी को 19 जुलाई को कथित रूप से कुछ बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया था।
गंभीर हालत में उसे दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पीड़िता का शव एयर एंबुलेंस से भुवनेश्वर लाया गया, जहां राज्य की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंतिम विदाई और सियासत
बालिका की मौत के बाद पूरे ओडिशा में गुस्सा और आक्रोश का माहौल है।
विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने इस घटना पर सरकार को घेरा है और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
सरकार की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष इसे ‘न्याय में देरी’ बताकर आवाज उठा रहा है।
यह दिन जहां एक ओर भगवान शिव की भक्ति में लीन रहा, वहीं दूसरी ओर ओडिशा की बेटी की मौत ने समाज को झकझोर कर रख दिया। सावन के अंतिम सोमवार ने आस्था और संवेदना दोनों का गहरा प्रभाव छोड़ा।