गाजा का इकलौता कैंसर अस्पताल तबाह, इजरायली हमले से मची तबाही
इजरायली हमले में ध्वस्त हुआ कैंसर अस्पताल
गाजा में इजरायल ने बड़ा हमला करते हुए वहां के इकलौते कैंसर अस्पताल और उसके पास स्थित एक मेडिकल स्कूल को पूरी तरह तबाह कर दिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ जब इजरायल ने बंधक समझौते पर प्रगति न होने के बाद गाजा में अपने हमलों को और तेज कर दिया। इजरायल का दावा है कि इस अस्पताल का उपयोग हमास का कमांड सेंटर चलाने के लिए किया जा रहा था।
इजरायल ने दिया हमले को सही ठहराने का तर्क
इस हमले के बाद दुनिया के कई देशों ने इसकी कड़ी निंदा की। खासतौर पर यूरोपीय और मध्य पूर्वी देशों ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया। इनका कहना है कि मेडिकल संस्थानों पर हमले नहीं किए जा सकते, लेकिन इजरायल ने इसे जायज ठहराते हुए दावा किया कि इन स्थानों का इस्तेमाल हमास के आतंकवादी ठिकानों और हथियारों के गोदाम के रूप में हो रहा था। हालांकि, इस दावे के समर्थन में इजरायल ने कोई ठोस सबूत नहीं दिया।
तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल भी हुआ खंडहर
शुक्रवार को हुए इस भीषण विस्फोट में मध्य गाजा स्थित तुर्की-फिलिस्तीनी मैत्री अस्पताल भी पूरी तरह बर्बाद हो गया। यह अस्पताल पहले ही इजरायली हमलों में काफी क्षतिग्रस्त हो चुका था। ऑनलाइन शेयर की गई फुटेज में देखा गया कि धमाके के बाद अस्पताल से आग और धुएं का बड़ा गुबार उठा। इजरायल ने हमले के साथ-साथ नेत्ज़ारिम कॉरिडोर क्षेत्र में अपना अभियान और तेज कर दिया है और सलाह अल-दीन स्ट्रीट पर आवागमन पूरी तरह रोक दिया है।
कैंसर मरीजों के इलाज पर गंभीर संकट
गाजा में कैंसर मरीजों के इलाज का यह एकमात्र अस्पताल था, जहां हजारों मरीजों को चिकित्सा सुविधाएं मिलती थीं। अब उनके पास इलाज के लिए कोई विकल्प नहीं बचा है। यह अस्पताल पहले भी 30 अक्टूबर, 2023 को इजरायली हमलों का शिकार हुआ था, जिसके चलते ईंधन की भारी कमी हुई और 1 नवंबर, 2023 को इसे बंद करना पड़ा। संयुक्त राष्ट्र ने पहले ही चेतावनी दी थी कि अस्पताल बंद होने से 70 मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। बाद में चार मरीजों की मौत हो गई।
तुर्की की मदद से बना अस्पताल फिर से तबाह
इस अस्पताल का पुनर्निर्माण 2017 में तुर्की के 34 मिलियन डॉलर के सहयोग से किया गया था, लेकिन अब इजरायली हमले ने इसे फिर से खंडहर में बदल दिया। इजरायल ने खुद पुष्टि की कि उसने अस्पताल को निशाना बनाया, यह दावा करते हुए कि वहां हमास की गतिविधियां संचालित हो रही थीं। हालांकि, इस दावे का समर्थन करने के लिए इजरायल ने कोई प्रमाण पेश नहीं किया।
तुर्की ने इजरायली हमले की निंदा की
तुर्की ने इस हमले को गाजा को रहने लायक न बनाने की इजरायल की नीति का हिस्सा बताया और कहा कि इसका उद्देश्य फिलिस्तीनी लोगों को जबरन विस्थापित करना है। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से इजरायल के इन हमलों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने की अपील की। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इजरायल के इस हमले को स्वास्थ्य प्रणाली के विनाश और नरसंहार की एक कड़ी बताया।
गाजा में हिंसा जारी, हालात बद से बदतर
इस हमले के बाद गाजा में हालात और खराब हो गए हैं। चारों ओर तबाही का मंजर है और लोग अपने परिवार की सलामती के लिए दुआएं मांग रहे हैं। इजरायली सेना का कहना है कि वह गाजा से हमास को खत्म करके ही रुकेगी, जिससे आने वाले समय में हालात और गंभीर हो सकते हैं।