भारत-स्पेन संबंध, टेक्सटाइल निवेश और वैश्विक साझेदारी पर जोर
रॉयल पैलेस में दिखी भारत-स्पेन की साझेदारी की झलक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पेन दौरे के दौरान मैड्रिड के भव्य रॉयल पैलेस का दौरा किया। इस दौरे को न सिर्फ एक सांस्कृतिक अनुभव बताया गया बल्कि भारत और स्पेन के बीच दशकों पुराने संबंधों का प्रतीक भी माना गया। उन्होंने कहा कि यह महल केवल स्थापत्य सौंदर्य का उदाहरण नहीं, बल्कि भारत-स्पेन के सहयोग, सम्मान और संवाद की जीवंत मिसाल है। इस दौरान उन्होंने साल 2006 की उस ऐतिहासिक घटना को भी याद किया, जब डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम का इसी महल में राजकीय सम्मान के साथ स्वागत हुआ था।
निवेश को लेकर बढ़ाया कदम
मुख्यमंत्री ने स्पेन दौरे को मध्यप्रदेश के लिए निवेश के एक नए द्वार के रूप में देखा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि खाद्य प्रसंस्करण और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में स्पेन के उद्यमियों को प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया जा रहा है। इस संबंध में कई इकाइयों का अवलोकन भी किया गया है और लगातार निवेश संवाद जारी है। उनका मानना है कि इन प्रयासों के सकारात्मक नतीजे जल्द ही देखने को मिलेंगे।
ट्रेसिबल टेक्सटाइल हब बन रहा मध्यप्रदेश
मुख्यमंत्री यादव की स्पेन यात्रा का मुख्य फोकस रहा गैलिसिया स्थित इंडिटेक्स मुख्यालय में हुई बैठक, जहां उन्होंने मध्यप्रदेश को एक “हरित, लागत-प्रतिस्पर्धी और ट्रेसिबल टेक्सटाइल हब” के रूप में प्रस्तुत किया। इस बैठक में ESG (Environment, Social, Governance) मॉडल की भी चर्चा हुई, जिसे इंडिटेक्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने सराहा और इसे एक वैश्विक रोल मॉडल के रूप में माना।
टेक्सटाइल उद्योग में प्रदेश की ताकत
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का अग्रणी ऑर्गेनिक कॉटन उत्पादक है। यहाँ सालाना 18 लाख बेल्स से अधिक कच्चा कपास उत्पादित होता है। इंदौर, मंदसौर, बुरहानपुर, उज्जैन और नीमच जैसे टेक्सटाइल क्लस्टर राज्य को इस क्षेत्र में अग्रणी बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि फार्मर-टू-फैब्रिक वैल्यू चेन में इंडिटेक्स के साथ मिलकर काम किया जाए। कॉटन टू कार्बन फाइबर में भी प्रदेश तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
निर्यात और रोजगार की संभावनाएं
टेक्सटाइल और रेडीमेड गारमेंट्स के वार्षिक निर्यात की बात करें तो मुख्यमंत्री ने बताया कि यह आंकड़ा 7 हजार करोड़ रुपये से भी अधिक है, और इंडिटेक्स जैसी कंपनियों की साझेदारी से इसे 10 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाया जा सकता है। इससे न केवल स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी, बल्कि महिला सशक्तिकरण को भी बल मिलेगा। उन्होंने इंडिटेक्स को पीएम मित्रा पार्क में भागीदारी के लिए आमंत्रित किया और MSME सेक्टर के लिए ईएसजी प्रमाणन और वेंडर विकास कार्यक्रम शुरू करने का सुझाव दिया।