पाकिस्तान की गोलाबारी से तबाही के बाद केंद्र सरकार का बड़ा राहत पैकेज
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की ओर से हुई भारी गोलाबारी ने जम्मू-कश्मीर और पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में भारी तबाही मचाई थी। इस हमले में कई घर, धार्मिक स्थल और व्यावसायिक संपत्तियां क्षतिग्रस्त हो गईं। सैकड़ों परिवार बेघर हो गए। हालात की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने बड़ा राहत कदम उठाया है।
25 करोड़ का राहत पैकेज, 2060 घरों को मिलेगा मुआवजा
केंद्र सरकार ने 2060 क्षतिग्रस्त घरों के लिए 25 करोड़ रुपये की राहत राशि मंजूर की है। गृह मंत्रालय ने इस पैकेज की घोषणा करते हुए बताया कि जो घर पूरी तरह से बर्बाद हो चुके हैं, उन्हें 2 लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों को 1 लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाएगा।
यह राहत सिर्फ जम्मू-कश्मीर तक सीमित नहीं, बल्कि पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में भी लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य हजारों प्रभावित परिवारों को फिर से सामान्य जीवन में लौटने की सहायता देना है।
शहीदों के परिजनों को मिली नौकरी, राहत की किरण
गृह मंत्री ने हाल ही में पुंछ का दौरा किया था, जहां उन्होंने गोलाबारी में जान गंवाने वालों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी के नियुक्ति पत्र भी सौंपे। यह कदम उन परिवारों के लिए भावनात्मक और आर्थिक सहारा बना, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है।
तत्काल बचाव कार्य से टली बड़ी त्रासदी
गोलाबारी के तुरंत बाद प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए 3.25 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। इनमें से 15,000 लोगों को 397 राहत शिविरों में ठहराया गया, जहां उन्हें भोजन, पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गईं।
स्वास्थ्य सेवाओं को भी प्राथमिकता दी गई। 394 एम्बुलेंस की तैनाती की गई, जिनमें से 62 एम्बुलेंस केवल पुंछ जिले में थीं। इसके साथ ही 2818 सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को स्वास्थ्य, आपातकालीन सेवा, पशुपालन और आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगाया गया।
सीमावर्ती लोगों को मिला केंद्र सरकार का साथ
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की आक्रामकता के चलते सीमावर्ती इलाकों में जिस तरह की तबाही मची, उसने प्रशासन और सरकार दोनों को अलर्ट कर दिया। सरकार के इस राहत पैकेज और तत्काल कदमों ने प्रभावितों को फिर से जीने की उम्मीद दी है।