ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो एक बार फिर चर्चा में, हाउस अरेस्ट में चल रही जांच
ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो एक बार फिर विवादों के घेरे में हैं। उन्हें देश में तख्तापलट की साजिश रचने के आरोप में हाउस अरेस्ट कर दिया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें घर में नजरबंद किया गया है और किसी भी बाहरी व्यक्ति को उनसे मिलने की इजाज़त नहीं है। उनके फोन और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ की भी जांच की जा रही है। यह वही बोलसोनारो हैं, जो भारत के 71वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि बनकर आए थे।
क्यों कहते हैं उन्हें ‘ब्राजील का हिटलर’?
जेयर बोलसोनारो को उनके कट्टर विचारों और तानाशाही झुकाव के चलते कई लोग ‘ब्राजील का हिटलर’ कहकर बुलाते हैं। उनका व्यक्तित्व अक्सर विवादों में रहा है। उन्होंने खुले मंचों पर कई बार महिलाओं, समलैंगिक समुदाय और रंगभेद जैसे मुद्दों पर बेहद अपमानजनक और घृणित बयान दिए हैं।
एक इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा था कि अगर सड़क पर दो समलैंगिक लड़के दिख जाएं, तो वह उन्हें थप्पड़ मार देंगे। यही नहीं, उन्होंने यह तक कह दिया था कि अगर उनका बेटा समलैंगिक निकला, तो वह उसे सड़क दुर्घटना में मरते देखना पसंद करेंगे।
महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान
2015 में बोलसोनारो ने एक महिला सांसद के बारे में बयान दिया था कि “वह रेप करने लायक भी नहीं हैं”। इस बयान पर उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ा था। इस तरह के बयानों ने उनके खिलाफ सामाजिक और राजनीतिक विरोध को और तेज किया। उन्होंने कई बार यह भी कहा कि वह तानाशाही शासन को लोकतंत्र से बेहतर मानते हैं।
उन्होंने ब्राजील की जेलों को “पाप धोने की सबसे बेहतरीन जगह” तक कह दिया था। उनका मानना है कि देश में असली बदलाव सिर्फ गृहयुद्ध से आ सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि अगर 30,000 लोगों को मारना पड़े तो वह पीछे नहीं हटेंगे, भले ही उनमें कुछ निर्दोष लोग भी क्यों न हों।
सत्ता में लौटने की कोशिशें
बोलसोनारो ने पूर्व में सरकार बनाने का दावा भी किया था और बार-बार लोकतंत्र के खिलाफ बयान देकर देश की राजनीति में अस्थिरता पैदा करने की कोशिश की। उनके समर्थकों ने 2023 में ब्राजील की संसद, सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति भवन पर हमला भी किया था, जिसे अमेरिका के कैपिटल हिल हमले से जोड़ा गया।
भारत से भी है संबंध
जेयर बोलसोनारो भारत के साथ भी संबंध रख चुके हैं। वह 2020 में भारत आए थे, जब उन्हें 26 जनवरी की परेड में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। इस दौरान भारत और ब्राजील के बीच कई व्यापारिक और कूटनीतिक समझौते हुए थे।
निष्कर्ष
जेयर बोलसोनारो का राजनीतिक जीवन विवादों और कट्टर विचारों से भरा रहा है। तख्तापलट की साजिश में उनकी भूमिका की जांच अभी जारी है, लेकिन यह तय है कि उनका चरित्र और सोच ब्राजील ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति में भी एक बड़ा और विभाजनकारी मुद्दा बन चुका है।