बिहार में शिक्षकों के लिए ट्रांसफर का नया सिस्टम, अब अपनी मर्जी से बदल सकेंगे स्कूल
बिहार में कार्यरत शिक्षकों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। अब राज्य के शिक्षक अपनी पसंद के स्कूल में तबादला करवा सकेंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग ने “म्यूचुअल ट्रांसफर” नाम की एक नई व्यवस्था लागू की है। इस नए सिस्टम के तहत शिक्षक आपसी सहमति से ट्रांसफर करा सकेंगे, जिससे वर्षों से चल रही असंतोष की स्थिति को काफी हद तक कम करने की उम्मीद है।
क्या है म्यूचुअल ट्रांसफर की योजना
इस योजना के अंतर्गत राज्य के सभी सरकारी शिक्षक अब अपने ट्रांसफर के लिए खुद स्कूल चुन सकते हैं। इसके लिए उन्हें 2 से 10 शिक्षकों का एक समूह बनाना होगा, जो समान विषय और समान स्तर (जैसे प्राथमिक, माध्यमिक या उच्च माध्यमिक) पर पढ़ाते हों। इस तरह, आपसी सहमति से शिक्षक एक-दूसरे की जगह पर स्थानांतरित हो सकेंगे।
आवेदन की प्रक्रिया
इस म्यूचुअल ट्रांसफर के लिए इच्छुक शिक्षकों को “ई-शिक्षाकोष” नामक पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। यहां वे लॉगिन करके अपने विषय और स्तर के अन्य शिक्षकों की सूची देख सकते हैं। OTP आधारित प्रक्रिया के तहत शिक्षक आपस में संपर्क कर सकते हैं। जैसे ही OTP सत्यापित होगा, तीन कार्य दिवसों के भीतर ट्रांसफर का आदेश जारी कर दिया जाएगा।
क्या होगी समयसीमा
यह विशेष व्यवस्था इस साल केवल 10 जुलाई से जुलाई माह के अंत तक लागू की गई है। इस प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और शिक्षक-आधारित बनाने के लिए इसमें न राज्य मुख्यालय की भूमिका होगी और न ही जिला स्तर पर किसी स्थापना समिति की आवश्यकता होगी।
शर्तें जो हर शिक्षक को जाननी चाहिए
इस व्यवस्था के तहत अगर किसी समूह का कोई भी शिक्षक नए स्कूल में नियमित योगदान नहीं देता है, तो उस पूरे समूह का ट्रांसफर आदेश स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा, ट्रांसफर सिर्फ उन्हीं शिक्षकों के बीच हो सकेगा जो समान स्तर (जैसे विद्यालय शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक आदि) और समान विषय पढ़ा रहे हों। उदाहरण के तौर पर, गणित पढ़ाने वाला शिक्षक केवल गणित विषय के शिक्षक से ही म्यूचुअल ट्रांसफर कर सकेगा।
क्यों जरूरी था ये बदलाव
राज्य में लंबे समय से शिक्षक ट्रांसफर की व्यवस्था को लेकर समस्याएं सामने आ रही थीं। कुछ शिक्षकों को ट्रांसफर तो मिल जाता था, लेकिन उनकी पोस्टिंग या तो बहुत दूर होती थी या फिर स्थान खाली नहीं होने के कारण कक्षा संचालन प्रभावित होता था। इसके अलावा कई विद्यालय ऐसे भी थे, जहां शिक्षकों की संख्या कम होने के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।
नई म्यूचुअल ट्रांसफर प्रणाली से अब शिक्षकों को पारदर्शिता, नियंत्रण और संतुष्टि मिलेगी, जिससे शिक्षण व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।