सेना का बड़ा खुलासा: स्वर्ण मंदिर में नहीं तैनात की गई एयर डिफेंस गन
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जारी विवाद के बीच भारतीय सेना ने बड़ा बयान जारी किया है। सेना ने साफ किया है कि अमृतसर स्थित श्री दरबार साहिब, जिसे आमतौर पर स्वर्ण मंदिर कहा जाता है, वहां किसी भी तरह की एयर डिफेंस गन तैनात नहीं की गई थी। यह स्पष्टीकरण हाल ही में सामने आईं कुछ खबरों और एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के दावे के बाद आया है।
ऑपरेशन सिंदूर के दावों पर मचा घमासान
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने एक साक्षात्कार में दावा किया था कि ऑपरेशन के दौरान स्वर्ण मंदिर के मुख्य ग्रंथी ने मंदिर परिसर में एयर डिफेंस गन लगाने की अनुमति दी थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऑपरेशन के दौरान पहली बार ऐसा हुआ कि स्वर्ण मंदिर की लाइटें बंद की गईं, जिससे दुश्मन के ड्रोन हमलों से निपटना आसान हुआ।
मंदिर प्रशासन ने भी किया इनकार
इस दावे को लेकर स्वर्ण मंदिर के प्रबंधन ने भी आपत्ति जताई है। प्रबंधन का कहना है कि मंदिर एक धार्मिक स्थल है और वहां इस तरह के सैन्य संसाधनों की तैनाती का कोई सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी किसी भी बात की पुष्टि नहीं की जा सकती, जो मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाए।
सेना ने दी स्पष्टता
मंगलवार को भारतीय सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया,
“स्वर्ण मंदिर में एयर डिफेंस गन की तैनाती को लेकर कुछ भ्रामक खबरें सामने आई हैं। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि श्री दरबार साहिब अमृतसर परिसर में न तो कोई एयर डिफेंस गन तैनात की गई थी और न ही कोई अन्य एयर डिफेंस संसाधन मौजूद था।”
क्यों उठ रहे हैं ऐसे सवाल?
कुछ समय पहले ऐसी खबरें आई थीं कि पाकिस्तान से ड्रोन और मिसाइल हमलों की संभावनाओं को देखते हुए स्वर्ण मंदिर प्रबंधन ने सेना को अनुमति दी थी कि वे मंदिर के भीतर सुरक्षा संसाधन तैनात कर सकते हैं। इसी के आधार पर यह चर्चा शुरू हुई थी कि वहां एयर डिफेंस गन लगाई गई है। हालांकि, अब सेना और मंदिर प्रबंधन दोनों ने इन दावों को खारिज कर दिया है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जारी विवाद में अब सेना का जवाब सामने आने के बाद स्थिति स्पष्ट होती नजर आ रही है। धार्मिक स्थलों की गरिमा को बनाए रखना हर किसी की जिम्मेदारी है, और सेना ने इस मामले में अपने रुख से यह साफ कर दिया है कि सुरक्षा के नाम पर किसी भी पवित्र स्थल की मर्यादा भंग नहीं की जाएगी।