कलमकार रुकावट पैदा करने की कोशिश कर ख़बरें छापने की धमकी देकर रुपए देने का दबाव बनाया करते थे । ऐसा न करने के एवज में वह इन कलमकारों को प्रति माह रुपए दिया करता था । जिसमें प्रतिमाह 3 से 5 हजार रुपए की रकम तय थी । गिरफ्तार आरोपी बल्लू ने पैसा लेने वालों में पुनीत सेन ,चंदन केवट ,श्याम तिवारी ,विनय उपाध्याय निवासी कोतमा तथा तथा घनश्याम शर्मा निवासी ओपीएम का नाम लेते हुए इनके ऊपर आरोप लगाया है ।
इसका वीडियो भी शोसल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है । जिन तथा कथित कलमकारों को प्रतिमाह आरोपी द्वारा पैसा दिए जाने की बात वायरल वीडियों में बताई जा रही है ,उक्त आरोप की पुष्टि के लिए वह फोन-पे के माध्यम से दी गयी रकम व वाट्स्प कालिंग का स्क्रीन शॉट पुलिस के समक्ष दिखा रहा है । जिससे पशु तस्कर द्वारा लगाए जा रहे आरोपों को बल मिल रहा है । लेकिन इस वीडियो की सत्यता क्या है ,इसकी पुष्टि खबरीलाल नहीं करता । क्योंकी इसमें कलमकारों का नाम तो सुनाई दे रहा लेकिन इस घिनौने कारोबार में लिप्त खाकी और खादी पहने लोगों के नाम पर पर्दा डाल दिया गया है ,जो जांच का विषय है । साथ ही पुलिस को गिरफ्तार तस्कर के पास से मिली डायरी का रहस्य भी अब तक बरकरार है । अभी केवल कलमकारों पर ही आंच आई है बाकी का दामन पाक साफ़ नजर आ रहा है ?
लेकिन उक्त वीडियों में आरोपी बल्लू कुछ अन्य लोगों का भी उल्लेख कर रहा है । वह अन्य लोग खाकी और खादी का चोला पहनने वाले हैं अथवा कोई और । इस बात का ज़िक्र उक्त वीडियों में सुनाई एवं दिखाई नहीं दे रहा है । यह भी चर्चा का विषय है कि क्या इतने व्यापक पैमाने पर संभाग में पशु तस्करी का अवैध कारोबार बिना किसी राजनीतिक व खाकी वर्दी धारियों के संरक्षण के चल सकता है ।
आखिर मवेशियों की लोडिंग से लेकर सैकड़ों किलोमीटर उसे बूचड़ खाना तक पहुचने में क्या कोई रोक टोक नहीं थी । कोतमा से लेकर उत्तर प्रदेश तक मवेशियों के परिवहन की बात करें तो मवेशी लोड ट्रक अनूपपुर जिले के अलावा शहडोल जिले के भी कई थाना क्षेत्र से होकर गुजरते हैं ,ऐसे में क्या संभाग के इन सभी थानों की पुलिस आज तक इस घिनौने कारोबार से अनजान है ? अथवा किसी भी जन प्रतिनिधि के कानो में आज तक इसकी जानकारी नहीं पहुची है ,यह भी बड़ा सवाल है । खासकर इसमें शहडोल जिले का केशवाही चौकी क्षेत्र शामिल है ।
कोतमा के बाद सबसे पहले इसी चौकी से होकर मवेशियों से लोड गाड़ियां गुजरती हैं । गिरफ्तार पशु तस्कर मोहित सिंह जिस काले रंग के चार पहिया वाहन में रेकी किया करता था ,वह गाड़ी अक्सर केशवाही में देखी जाती थी । यह बात अलग है कि उक्त वाहन किसी दुसरे व्यक्ति के नाम रजिस्टर्ड होने की जानकारी सामने आई है ।
इस वायरल वीडियो में जिन कलमकारों के नाम सामने आए है ,उनके साथ -साथ इस घिनौने कारोबार को सह देने वाले खाकी एवं खादी का चोला पहनकर दलाली की रकम लेने वालों का भी नाम पुलिस को जांच के बाद सामने लाना चाहिए ,तभी उक्त कार्यवाही की निष्पक्षता पर विराम लगेगा । जो डायरी पशु तस्कर के पास से पुलिस ने जप्त की है ,उसके जरिये इस गोरख धंधे में शामिल पूरे गिरोह का पर्दाफ़ाश हो सकता है ।
बहरहाल पुलिस अभी आरोपियों को रिमांड में लेकर आगे पूछताछ कर कुछ और खुलासा करने की बात कह रही है ,इसलिए आने वाले समय में इसमें लिप्त और लोगों का नाम सामने आ सकता है ।