इजरायली हमले से घबराई टीवी एंकर, लाइव न्यूज़ के दौरान स्टूडियो से भागी
दमिश्क में इजरायल का बड़ा हमला, टीवी चैनल के स्टूडियो के पास गिरा विस्फोटक
सीरिया की राजधानी दमिश्क में इजरायल द्वारा किए गए एक ज़बरदस्त ड्रोन हमले के दौरान, एक टीवी एंकर लाइव न्यूज पढ़ रही थी। हमला इतना भीषण था कि एंकर कैमरे के सामने ही डर के मारे उठकर स्टूडियो से बाहर भाग गई। यह हमला उस बिल्डिंग के पास हुआ जहां सीरियाई रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रपति भवन स्थित है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है।
एंकर की बिल्डिंग के पास हुआ हमला
जानकारी के अनुसार, एंकर जिस स्टूडियो में न्यूज़ पढ़ रही थी वह इमारत सीरियाई रक्षा मंत्रालय के ठीक सामने स्थित थी। जब इजरायली ड्रोन ने हमला किया, उसी वक्त लाइव प्रसारण चल रहा था। विस्फोट की आवाज़ इतनी तेज़ थी कि एंकर घबरा गई और हड़बड़ी में इधर-उधर दौड़ने लगी। इजरायल ने यह हमला सीरिया में ड्रूज समुदाय के पक्ष में करते हुए किया है।
इजरायली मंत्री ने दी हमले की जानकारी
इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज ने हमले की पुष्टि करते हुए एक वीडियो साझा किया और बताया कि इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने दमिश्क स्थित सीरियाई सेना के मुख्यालय के प्रवेश द्वार को लक्ष्य बनाकर यह हमला किया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उस चेतावनी के बाद की गई है, जिसमें सीरियाई सेना को सुवैदा क्षेत्र से पीछे हटने को कहा गया था। काट्ज ने सख्त लहजे में कहा, “अब चेतावनी का वक्त खत्म हो चुका है, अब जवाब करारा और दर्दनाक होगा।”
लगातार तीसरे दिन सीरिया पर हमला
यह हमला लगातार तीसरे दिन हुआ है जब इजरायल ने सीरिया पर कार्रवाई की है। दक्षिणी सीरिया के सुवैदा प्रांत में ड्रूज समुदाय और सीरियाई सेना के बीच चल रही झड़पों के बीच इजरायल ने हस्तक्षेप किया है। इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलंट ने कहा कि IDF ड्रूज अल्पसंख्यक की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।
सीरिया में तनाव और बढ़ा
मंगलवार को इजरायली फोर्स ने सुवैदा और उसके आसपास के इलाकों में सीरियाई सैन्य काफिलों को निशाना बनाकर हवाई हमले किए। इन हमलों में कई सैनिकों के मारे जाने और घायल होने की खबर है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में ड्रूज, बेडौइन जनजातियों और अस्थायी सीरियाई सरकार के बीच तनाव और बढ़ गया है। इजरायल ने स्पष्ट किया है कि अगर सीरियाई सेना पीछे नहीं हटी, तो आगे और भी घातक हमले किए जाएंगे।
यह घटना एक बार फिर दिखाती है कि पश्चिम एशिया में हालात बेहद अस्थिर हैं, और इसमें मीडियाकर्मियों की सुरक्षा भी अब एक बड़ा मुद्दा बनती जा रही है।