AI से चमत्कार: 14 साल के लड़के ने दिल की बीमारी का बनाया हल
भारत में जन्मे और अमेरिका में पले-बढ़े सिद्धार्थ नंद्याला ने महज 14 साल की उम्र में दो स्टार्टअप्स की शुरुआत की और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए ऐसा इनोवेशन किया, जिससे दिल की बीमारी की पहचान कुछ ही सेकंड में की जा सकती है।
सिद्धार्थ की प्रेरणादायक शुरुआत
हैदराबाद में जन्मे सिद्धार्थ नंद्याला जब छोटे थे तभी अमेरिका चले गए। वहां उन्होंने सिर्फ 14 साल की उम्र में दो टेक्नोलॉजी कंपनियां बनाई – STEM IT और Circadian AI। उन्होंने एक ऐसा मोबाइल ऐप डेवलप किया है जो दिल की धड़कनों की आवाज सुनकर यह पता लगा सकता है कि व्यक्ति को हार्ट डिजीज है या नहीं। यह ऐप सेकंडों में रिपोर्ट देता है और इसके रिजल्ट बेहद सटीक माने गए हैं।
कैसे आया टेक्नोलॉजी का जुनून?
सिद्धार्थ ने पहली बार 7 साल की उम्र में STEM किट के जरिए विज्ञान और टेक्नोलॉजी की दुनिया में कदम रखा। यहीं से उनका रुझान इस दिशा में बना। उन्होंने महसूस किया कि बच्चों को सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि हाथों से करके टेक्नोलॉजी को समझना चाहिए। इसी सोच के साथ उन्होंने अपना पहला स्टार्टअप “STEM IT” शुरू किया ताकि और भी बच्चे प्रैक्टिकल साइंस को अपनाएं।
Circadian AI: दिल की बीमारी पकड़ने वाला AI ऐप
सिद्धार्थ का दूसरा स्टार्टअप Circadian AI दिल की बीमारियों को समय रहते पहचानने में मदद करता है। इस ऐप के जरिए मोबाइल को मरीज के सीने पर रखकर उसकी धड़कनों की आवाज रिकॉर्ड की जाती है। फिर ऐप यह बताता है कि दिल सामान्य है या नहीं। यह ऐप खास तौर पर उन इलाकों में बेहद उपयोगी साबित हो रहा है जहां डॉक्टरों की कमी है या मेडिकल सुविधाएं सीमित हैं।
सरकारी अस्पतालों में मिली बड़ी सफलता
Circadian AI का इस्तेमाल आंध्र प्रदेश के कई सरकारी अस्पतालों जैसे गुन्टूर और विजयवाड़ा में किया गया। यहां इस ऐप ने सैकड़ों मरीजों की जांच की और उनकी बीमारी की सही पहचान की गई। बाद में की गई ECG और ईको टेस्ट्स ने भी ऐप की रिपोर्ट को सही ठहराया।
भविष्य की योजनाएं
सिद्धार्थ की योजना अब इस AI टेक्नोलॉजी को फेफड़ों की बीमारियों की पहचान के लिए तैयार करने की है। वे चाहते हैं कि हेल्थकेयर से जुड़े AI टूल्स सभी के लिए किफायती और सुलभ बनें। इसके साथ ही वे STEM एजुकेशन में AI ट्यूटर और मिक्स्ड रियलिटी को जोड़ने का सपना भी देखते हैं ताकि बच्चे वर्चुअल लैब्स में जाकर साइंस को और बेहतर तरीके से समझ सकें।
कलाम से मिली प्रेरणा, शतरंज और गोल्फ से बनी रणनीति
सिद्धार्थ को DR. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम से बहुत प्रेरणा मिलती है। उन्हें गोल्फ और शतरंज खेलना भी पसंद है, जिससे उनकी रणनीतिक सोच और फोकस में सुधार आता है। उनकी यह यात्रा न सिर्फ बच्चों, बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए एक मिसाल बन चुकी है।