जिसके माध्यम से बताया गया कि अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर हम लोगो द्वारा शान्ति पूर्वक किए जा रहे आन्दोलन के दौरान सुनियोजित तरीके से बिजली बंद कराकर हमारे ऊपर बर्बरता के साथ प्रदेश की भाजपा सरकार के इशारे पर लाठियां बरसाई गयी । जिसमे कई महिला शिक्षक घायल हुई हैं । प्रदेश की महिलाओं को बहन बेटियाँ बताने वाली सरकार अब उन पर लाठियां बरसा रही है ।
ज्ञापन के माध्यम से सरकार के इस कृत्य की निंदा करते हुए अतिथि शिक्षक महासंघ ने मांग की है कि शीघ्र ही उनकी मांग को पूर्ण किया जाए । विधान सभा चुनाव पूर्व तत्कालीन प्रदेश सरकार के मुखिया द्वारा जो वादा हम अतिथि शिक्षको से किया गया था,उसे शीघ्र पूरा किया जाए । साथ ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन में अतिथि शिक्षकों पर लाठीचार्ज करने वाले प्रशासन की जांच कर उचित कार्यवाही की जाए ।
अंबेडकर मैदान पर एकत्रित हुए थे
विदित हो कि प्रदेश भर से अतिथि शिक्षक अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार आन्दोलन कर रहें हैं। कल बुधवार को भी गांधी जयंती के मौके पर प्रदेश भर के विभिन्न जिलों से सैकड़ो की संख्या में अतिथि शिक्षक भोपाल पहुंचे अंबेडकर मैदान पर एकत्रित हुए थे ।
पुलिस ने कर दी थी बैरिकेडिंग
अतिथि शिक्षको ने बताया कि हम लोग यहां से सीएम हाउस तक न्याय यात्रा निकालने की तैयारी कर रहे थे लेकिन पुलिस ने कुछ दूरी पर बैरिकेडिंग कर दी। इसे लेकर पुलिस और अतिथि शिक्षकों के बीच झड़प भी हुई। पुलिस ने बैनर लगाकर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन को गैरकानूनी बताकर गोली चलाने की चेतावनी भी दी।
पिछली सरकार ने हमें किया था गुमराह
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष केसी पवार ने कहा कि पिछली बार सरकार ने हमें गुमराह कर दिया था, हम उनकी बातों में आ गए थे। इस बार हम अपना स्थायीकरण लेकर जाएंगे। यदि सरकार अपना रुख स्पष्ट नहीं करती है तो हम आमरण अनशन पर बैठेंगे। हमारे साथ हजारों लोग भी बैठेंगे। मेरी तबीयत कुछ गड़बड़ लग रही है। यहां टैम्परेचर ज्यादा है, कई लोगों की तबीयत बिगड़ रही है। लेकिन, सरकार अभी तक आई नहीं है। जितनी जल्दी हो सरकार हमारी मांगों को सुने। हम वापस जाने वाले नहीं हैं।
घोषणा के एक वर्ष बाद भी आदेश जारी नहीं
उनकी पूर्व घोषणानुसर गुरुजियों की भांति विभागीय परीक्षा, वार्षिक अनुबंध, सीधी भर्ती में पचास प्रतिशत आरक्षण और बोनस अंक देकर नियमित करेंगे, लेकिन घोषणा के एक वर्ष बाद भी आदेश जारी नहीं हुए। जबकि सैकड़ों बार शासन प्रशासन से आवेदन निवेदन कर चुके हैं। 10 सितंबर को भोपाल में हजारों की संख्या में एकत्र होकर संविधानिक रूप से अपनी बात रखने का प्रयास किया गया।
लाइट बंद करके बर्बरता का आरोप
जिसके बाद 11 सितंबर को वल्लभ भवन प्रशासन के द्वारा बैठक करके कुछ तात्कालिक मांगों पर सहमति बनाई गई थी। बीस दिन बाद भी इस पर काम नहीं होते देख कल गांधी जयंती के अवसर प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक शांतिपूर्ण तरीके से वचन निभाने का आग्रह भोपाल पहुंचकर कर रहे थे। जिसमें पुलिस ने रात्रि लगभग 8 बजे लाइट बंद करके बर्बरता से अतिथि शिक्षक भाई-बहिनों पर लाठीचार्ज कर पिटाई कर दर्जनों को चोटिल कर दी है, जो घोर निंदनीय है ,ऐसा कृत्य करने वालो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए ।