इजरायल-हमास संघर्ष में बड़ा मोड़: 60 दिन के युद्धविराम की तैयारी, अब हमास के जवाब का इंतजार
इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से चल रहे संघर्ष में अब एक नई उम्मीद की किरण नजर आ रही है। अमेरिका की पहल पर दोनों पक्षों के बीच 60 दिनों के युद्धविराम की संभावना बन रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाई है। इजरायल इस संघर्ष विराम के लिए तैयार हो चुका है, अब निगाहें हमास के फैसले पर टिकी हैं।
अमेरिका की पहल, इजरायल तैयार
वाशिंगटन में अमेरिका के अधिकारियों और इजरायल के रणनीतिक मामलों के मंत्री रान डर्मर के बीच हाल ही में एक अहम बैठक हुई। इस चर्चा में इजरायल ने युद्धविराम के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। अमेरिकी नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया कि यह सीजफायर तभी प्रभावी होगा जब हमास भी इसकी शर्तों को स्वीकार करेगा।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस मुद्दे पर पोस्ट करते हुए लिखा कि अमेरिका मध्य पूर्व में शांति के लिए प्रतिबद्ध है और यह सीजफायर एक बड़ी पहल हो सकती है। उन्होंने बताया कि कतर और मिस्र युद्धविराम की अंतिम रूपरेखा पेश करेंगे।
ट्रंप की अपील: हमास भी बढ़ाए शांति की ओर कदम
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने बयान में यह भी कहा कि यदि युद्ध जारी रहता है तो इससे हालात और ज्यादा बिगड़ सकते हैं। उन्होंने हमास से अपील की है कि वह इस प्रस्ताव को स्वीकार कर ले ताकि गाजा और पूरे क्षेत्र में शांति स्थापित हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय है कि सभी पक्ष मिलकर स्थायी समाधान की ओर बढ़ें।
संघर्ष की शुरुआत और अब तक का हाल
गौरतलब है कि इजरायल और हमास के बीच यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ था। उस दिन हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें करीब 1200 नागरिकों की मौत हुई और 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजरायल ने गाजा पर बड़े पैमाने पर हवाई और जमीनी हमले किए।
अब तक के संघर्ष में गाजा पट्टी में 46,000 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें बड़ी संख्या में आम नागरिक शामिल हैं। इजरायल के भी सैकड़ों सैनिकों और नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। जनवरी 2025 में दोनों पक्षों के बीच 6 सप्ताह का युद्धविराम हुआ था, लेकिन अब एक बार फिर 60 दिन के स्थायी युद्धविराम की उम्मीद जताई जा रही है।
आगे की राह
अब सवाल यह है कि क्या हमास इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगा या नहीं। फिलहाल, दुनिया भर की नजरें हमास के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। यदि यह संघर्ष विराम लागू होता है, तो यह एक बड़ा कूटनीतिक कदम होगा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए नई राह खोल सकता है।