एटा के अलीगंज कस्बे में शुक्रवार को एक अनोखा वाकया देखने को मिला जब किसानों के लिए परेशानी का सबब बने बंदरों ने अचानक नोटों की बारिश कर दी। घटना उस समय घटी जब सर्वेश, जो ग्राम नगला केसरी का निवासी है, जमीन का बैनामा कराने के लिए अपनी बाइक की डिग्गी में रखे एक लाख रुपये लेकर पुरानी तहसील पहुंचा था। जैसे ही वह अपने अधिवक्ता से बातचीत कर रहा था, एक बंदर उसकी डिग्गी से नोटों की दो गड्डियां निकालकर भाग निकला। यह देखकर सर्वेश की सांसें अटक गईं, क्योंकि उसकी सारी जमा-पूंजी वहीं थी।
बंदर ने नोटों की गड्डियों को पकड़कर अधिवक्ताओं के चेंबर की बिल्डिंग के ऊपर चढ़ गया, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। वकील और उनके मुंशी तुरंत नोटों को वापस लाने के लिए दौड़ पड़े, लेकिन बंदर ने उन्हें लगातार चिढ़ाते हुए नोटों को हवा में उछालना शुरू कर दिया। किसान ने desperate होकर बंदरों को फलों के बदले लुभाने की कोशिश की, जिसके चलते एक गड्डी नीचे गिर गई। जैसे ही गड्डी नीचे गिरी, पूरे तहसील परिसर में नोटों की बारिश हो गई।
वकील और उनके मुंशी फुर्ती से जमीन पर बिखरे नोटों को एकत्रित करने में जुट गए, और सर्वेश की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे। काफी मेहनत के बाद, वे अधिकांश नोट वापस लाने में सफल रहे, लेकिन एक 500 रुपये का नोट कहीं खो गया। यह स्थिति न केवल हास्यास्पद थी, बल्कि बंदरों के आतंक और किसान की बेचैनी ने इस घटना को और भी दिलचस्प बना दिया। अंत में, सर्वेश ने अपनी खोई हुई राशि के लिए संतोष व्यक्त किया, लेकिन साथ ही इस घटना ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि बंदरों का ये आतंक कब तक जारी रहेगा।