High BP Myths: हाई ब्लड प्रेशर को लेकर फैले 5 बड़े झूठ और सच्चाई
हाई ब्लड प्रेशर यानी हाइपरटेंशन आज की तेज़ रफ्तार और तनाव भरी जिंदगी की आम लेकिन गंभीर बीमारी बन चुकी है। बदलती जीवनशैली, खराब खानपान और तनाव भरे माहौल ने इसे और भी ज्यादा खतरनाक बना दिया है। हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है ताकि लोगों को इस साइलेंट किलर बीमारी के बारे में सही जानकारी दी जा सके। आइए जानते हैं हाई बीपी से जुड़े 5 आम मिथक और उनकी सच्चाई।
हाई बीपी सिर्फ बुजुर्गों को होता है – मिथक
कई लोगों को लगता है कि हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सिर्फ बूढ़े लोगों को होती है, लेकिन यह पूरी तरह से गलत है। बदलती लाइफस्टाइल, ज्यादा स्ट्रेस, मोटापा और जंक फूड की आदतों ने युवाओं, यहां तक कि बच्चों में भी यह समस्या बढ़ा दी है। अब यह बीमारी उम्र नहीं, बल्कि जीवनशैली से जुड़ी बन गई है।
दवा की जरूरत नहीं होती – मिथक
कई लोग मानते हैं कि हाई बीपी को बिना दवा के कंट्रोल किया जा सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में लाइफस्टाइल में बदलाव से इसे मैनेज किया जा सकता है, लेकिन हर मरीज के लिए यह संभव नहीं होता। जब बीपी का स्तर बहुत ज्यादा हो जाता है, तब दवा लेना जरूरी हो जाता है। लेकिन ये दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही ली जानी चाहिए।
घरेलू उपाय ही काफी हैं – मिथक
घरेलू नुस्खों से बीपी को कंट्रोल करने की कोशिश कई लोग करते हैं, लेकिन यह हमेशा कारगर नहीं होता। योग, एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट मदद जरूर करती है, मगर कुछ मामलों में सिर्फ घरेलू उपाय काफी नहीं होते। डॉक्टरी सलाह और दवा लेना जरूरी हो सकता है।
अगर फैमिली हिस्ट्री नहीं है तो खतरा नहीं – मिथक
यह धारणा भी गलत है कि अगर परिवार में किसी को हाई बीपी नहीं रहा तो आपको भी नहीं होगा। हाइपरटेंशन कई बार जीवनशैली से भी जुड़ा होता है, न कि केवल जेनेटिक्स से। लंबे समय तक तनाव, खराब डाइट और नींद की कमी से भी यह बीमारी हो सकती है।
बीपी हाई होगा तो खुद ही पता चल जाएगा – मिथक
हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ ऐसे ही नहीं कहा जाता। इसके लक्षण अक्सर नजर नहीं आते, और कई बार लोगों को तब पता चलता है जब स्थिति गंभीर हो चुकी होती है। इसलिए समय-समय पर बीपी चेक कराना बेहद जरूरी है।
क्यों मनाते हैं वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे?
17 मई को हाइपरटेंशन डे मनाने का उद्देश्य लोगों को जागरूक करना है कि यह बीमारी बिना लक्षण के भी खतरनाक हो सकती है। सही समय पर पहचान और उपचार से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और किडनी फेलियर जैसे गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। इस दिन लोगों को बताया जाता है कि कैसे वे स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
निष्कर्ष
हाई ब्लड प्रेशर को लेकर फैले झूठे यकीनों में फंसने से बेहतर है, सही जानकारी के साथ इसे समझें और समय पर उपचार लें। रेगुलर जांच, संतुलित आहार, तनाव से दूरी और एक्सरसाइज को अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। याद रखें – जागरूकता ही बचाव है।