तेलंगाना टनल हादसा: मंत्री कृष्णा राव का बड़ा बयान, फंसे 8 मजदूरों के बचने की संभावना बेहद कम
तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) परियोजना की टनल में हुए आंशिक ध्वंस के दो दिन बाद भी अंदर फंसे आठ लोगों के बचने की संभावना “बहुत कम” है। हालांकि, उन्हें बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, तेलंगाना के मंत्री जुपल्ली कृष्णा राव ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मंत्री ने बताया कि उत्तराखंड के सिल्क्यारा बेंड-बरकोट टनल हादसे (2023) में फंसे मजदूरों को बचाने वाली ‘रत माइनर्स’ की टीम को भी बचाव कार्य में शामिल किया गया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में 3-4 दिन लग सकते हैं
कृष्णा राव के अनुसार, मलबा और गाद से भरे इस दुर्घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य बेहद चुनौतीपूर्ण है और फंसे मजदूरों को निकालने में कम से कम 3-4 दिन लग सकते हैं।
उन्होंने बताया, “ईमानदारी से कहूं तो उनके बचने की संभावना बेहद, बेहद, बेहद, बेहद कम है। मैंने खुद लगभग घटना स्थल से 50 मीटर पहले तक जाकर निरीक्षण किया। जब हमने तस्वीरें लीं, तो टनल का अंत दिखाई दे रहा था। टनल का व्यास 9 मीटर (लगभग 30 फीट) है, लेकिन उसमें 25 फीट तक कीचड़ जमा हो चुका है।”
फंसे मजदूरों से कोई जवाब नहीं मिला
राव ने बताया कि जब हमने फंसे लोगों के नाम लेकर आवाज लगाई, “तो कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली…इसलिए कोई संभावना नहीं दिखती,” उन्होंने कहा।
फंसे मजदूरों की पहचान
मलबे में फंसे आठ लोगों की पहचान निम्नलिखित रूप में हुई है:
- उत्तर प्रदेश – मनोज कुमार, श्री निवास
- जम्मू और कश्मीर – सनी सिंह
- पंजाब – गुरप्रीत सिंह
- झारखंड – संदीप साहू, जेगता एक्सेस, संतोष साहू और अनुज साहू
इनमें से दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर हैं।
टनल बोरिंग मशीन (TBM) का भी नुकसान
मंत्री ने बताया कि टनल बोरिंग मशीन (TBM), जिसका वजन सैकड़ों टन है, दुर्घटना के बाद 200 मीटर तक बह गई, क्योंकि पानी का तेज बहाव था। उन्होंने चिंता जताई कि अगर फंसे लोग TBM के निचले हिस्से में भी हैं, तो ऑक्सीजन की उपलब्धता एक बड़ा सवाल है।
भारतीय सेना, NDRF और अन्य एजेंसियां कर रही हैं रेस्क्यू ऑपरेशन
भारतीय सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और अन्य एजेंसियां लगातार बचाव कार्य में लगी हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। मंत्री के अनुसार, टनल के अंदर कंवेयर बेल्ट को फिर से चालू किया जा रहा है ताकि मलबा हटाया जा सके।