Amit Shah (अमित शाह): राजनीतिक रणनीतिकार की यात्रा
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
Amit Shah का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को गुजरात के अनंद में हुआ। उनके परिवार का व्यवसायी पृष्ठभूमि था, और उनके पिता, अमृतलाल शाह, एक सफल businessman थे। अमित शाह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने गृह नगर में प्राप्त की और बाद में सूरत के एच.जी. सव्यसाची कॉलेज में दाखिला लिया, जहाँ उन्होंने बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री प्राप्त की। कॉलेज के दिनों में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ना शुरू किया, जिसने उनके जीवन को आकार देने में अहम भूमिका निभाई।
Political Career (राजनीतिक करियर) की शुरुआत
Amit Shah का political career 1980 के दशक में शुरू हुआ, जब वे भाजपा के युवा मोर्चा में शामिल हुए। उनके संघ से जुड़े रहने और मेहनत ने उन्हें पार्टी में तेजी से पहचान दिलाई। 1989 में, उन्होंने भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ काम करना शुरू किया, जब आडवाणी ने राम रथ यात्रा का नेतृत्व किया। यह यात्रा भाजपा को एक प्रमुख political force के रूप में स्थापित करने में मददगार साबित हुई।
गुजरात में राजनीतिक उत्थान
2001 में, जब नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री का पद संभाला, तो अमित शाह को BJP Strategist के रूप में नियुक्त किया गया। इस दौरान उन्होंने राज्य के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण initiatives का कार्यान्वयन किया। 2002 में गुजरात में दंगों के समय, शाह ने संकट प्रबंधन में अहम भूमिका निभाई, जिससे भाजपा को दोबारा सत्ता में लाने में मदद मिली।
केंद्रीय राजनीति में प्रवेश
2014 में, अमित शाह को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री नियुक्त किया गया। गृह मंत्रालय में उनके कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई महत्वपूर्ण reforms लागू किए, जिनमें भारतीय दंड संहिता में संशोधन और अनुच्छेद 370 का निरसन शामिल हैं। उनके नेतृत्व में, भारत ने आतंकवाद और border security के खिलाफ ठोस कदम उठाए।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष
2014 में अमित शाह को भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके कार्यकाल में, पार्टी ने 2014 और 2019 के आम चुनावों में अभूतपूर्व जीत हासिल की। उनकी चुनावी रणनीति, जिसमें data analytics और social media का उपयोग शामिल था, ने भाजपा को युवा मतदाताओं के बीच एक मजबूत आधार बनाने में मदद की। उन्होंने पार्टी के organizational structure को मजबूत करने और विभिन्न राज्यों में पार्टी की reach बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA)
Amit Shah ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को संसद में पेश किया, जिसका उद्देश्य religious persecution के कारण भारत में आए शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना था। इस अधिनियम ने देश में व्यापक विवाद और विरोध का सामना किया, लेकिन शाह ने इसके महत्व को रेखांकित करते हुए इसे आवश्यक बताया।
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COVID-19 संकट के दौरान भूमिका
COVID-19 pandemic के दौरान, अमित शाह ने संकट प्रबंधन के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। उन्होंने health facilities को बढ़ाने और testing measures को तेज करने के लिए direction जारी किए। उनकी पहल के कारण, भारत ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में तेजी से प्रतिक्रिया दी, जिससे लाखों लोगों को सहायता मिली।
भविष्य की योजनाएँ और दृष्टिकोण
Amit Shah का political vision भारत को एक शक्तिशाली और विकसित राष्ट्र बनाना है। उनका मानना है कि विकास के लिए political stability और social harmony आवश्यक हैं। वे युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने और महिलाओं के उत्थान के लिए कई योजनाओं का समर्थन कर रहे हैं।
निष्कर्ष
Amit Shah का राजनीतिक करियर एक साधारण कार्यकर्ता से लेकर एक प्रमुख नेता तक की यात्रा है। उनकी leadership style, strategic thinking और पार्टी के प्रति निष्ठा ने उन्हें भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। जैसे-जैसे देश आगे बढ़ रहा है, शाह का योगदान और उनके विचार आने वाले वर्षों में भारत की राजनीति को आकार देंगे।
उनकी कहानी यह दर्शाती है कि कैसे एक नेता अपनी मेहनत और समर्पण के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण परिवर्तन ला सकता है। अमित शाह की यात्रा ने भारतीय राजनीति में एक नई दिशा दी है और वे आगे भी एक प्रमुख भूमिका निभाते रहेंगे।