नितिन गडकरी का बयान
नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अब सब्सिडी की जरूरत नहीं है। उनका कहना है कि आजकल ग्राहक स्वयं ही इलेक्ट्रिक या सीएनजी वाहनों को चुन रहे हैं, जिससे सब्सिडी की जरूरत खत्म हो गई है। उनके अनुसार, उपभोक्ता अब इन गाड़ियों के फायदे को समझ चुके हैं और उनकी मांग बढ़ रही है, इसलिए सब्सिडी का महत्व कम हो गया है।
FAME-3 योजना की तैयारी
हालांकि, ईवी को बढ़ावा देने के लिए FAME-3 योजना को लेकर तैयारियां चल रही हैं। यह योजना इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन गडकरी के बयान से यह स्पष्ट होता है कि मौजूदा समय में सब्सिडी का मुख्य उद्देश्य अब पहले की तरह प्रभावी नहीं रह गया है।
सब्सिडी की आवश्यकता पर सवाल
गडकरी का यह बयान इस बात को दर्शाता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों की जागरूकता और रुचि बढ़ी है। उपभोक्ता अब स्वयं ही ईवी या सीएनजी वाहनों की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे सब्सिडी की प्रासंगिकता घट गई है। यह भी एक संकेत है कि बाजार में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग अपने आप बढ़ रही है और सरकारी सहायता की अब उतनी आवश्यकता नहीं रही।
क्या है FAME-3 योजना?
FAME-3 योजना इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए जाने वाली एक नई पहल है। इस योजना के तहत, सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन और सब्सिडी प्रदान करने की योजना बना रही है। हालांकि, गडकरी के बयान से यह भी संकेत मिलता है कि इस योजना के उद्देश्यों में अब बदलाव आ सकता है और सब्सिडी की भूमिका को फिर से परिभाषित किया जा सकता है।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का यह बयान इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य के लिए एक नई दिशा का संकेत है। जबकि सब्सिडी की भूमिका कम हो रही है, लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि सरकार नई योजनाओं और पहल के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रोत्साहन को जारी रखे। ग्राहक अब खुद ही अपने चुनाव कर रहे हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में आगे बढ़ने का रास्ता तैयार है।
इससे यह भी जाहिर होता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों की रुचि और समझ में वृद्धि हो रही है और वे अब इन वाहनों की वास्तविक क्षमताओं और लाभों को पहचान रहे हैं। सरकार के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि ईवी की लोकप्रियता अपने आप बढ़ रही है और भविष्य में इसे और भी प्रोत्साहित करने के उपाय किए जा सकते हैं।