उन्होंने जोर देते हुए कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकी और प्रतिभाशाली कर्मियों की उपलब्धता के साथ, भारत एक प्रमुख आटोमोटिव हब बन सकता है। यदि सरकार प्रोत्साहन से जुड़ा कोई भी फैसला करती है, तो यह आटोमोटिव उद्योग के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा।
गडकरी ने यह भी उल्लेख किया कि भारत वर्तमान में आटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। देश का कुल जीएसटी में योगदान लगभग 14-15 प्रतिशत है, जो आटोमोटिव सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है।
उन्होंने यह बात नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को किसी भी तरह के प्रोत्साहन या सब्सिडी देने का निर्णय वित्त और भारी उद्योग मंत्रालय का है। हालांकि, अगर सरकार ऐसा कोई निर्णय लेती है, तो इससे निश्चित रूप से आटोमोटिव उद्योग को लाभ होगा।
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आने से उनके बाजार में वृद्धि हो सकती है, जो पर्यावरण संरक्षण और ऊर्जा बचत के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। गडकरी के अनुसार, इस क्षेत्र में तेजी से विकास और सरकारी समर्थन के साथ, भारत का आटोमोटिव उद्योग वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।