अर्जुन के पेड़ की छाल(Arjuna Chhaal): BP और शुगर का रामबाण इलाज
अर्जुन के पेड़ की छाल (Arjuna Chhaal) का उपयोग आयुर्वेद (Ayurveda) में सदियों से विभिन्न औषधियों (Medicines) के रूप में किया जाता रहा है। इसे घरेलू नुस्खों (Home Remedies), चूर्ण (Powder) और हर्बल चाय (Herbal Tea) बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह छाल कई औषधीय (Medicinal) गुणों से भरपूर होती है, जो विभिन्न गंभीर बीमारियों (Diseases) को दूर रखने में सहायक (Helpful) होते हैं। अर्जुन की छाल का सेवन शुगर (Blood Sugar) और BP (Blood Pressure) जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने (Control) में बेहद प्रभावी (Effective) साबित होता है।
आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़-पौधे (Plants) और पत्तियों का उल्लेख (Mention) मिलता है, जिनके सही इस्तेमाल (Correct Use) से बड़ी से बड़ी बीमारियां (Diseases) दूर हो सकती हैं। अर्जुन के पेड़ की छाल में भी कई तरह के पोषक तत्व (Nutrients) होते हैं, जो सेहत के लिए फायदेमंद (Beneficial) हैं। तो आइए जानते हैं अर्जुन के पेड़ की छाल के क्या फायदे (Benefits) हैं और इसे कैसे सेवन किया जा सकता है।
अर्जुन के पेड़ की छाल में मौजूद पोषक तत्व
अर्जुन के पेड़ की छाल में इलेजिक एसिड (Ellagic Acid), ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन (Trihydroxy Triterpenes), बीटा-सिटोस्टिरोल (Beta-sitosterol), मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड (Monocarboxylic Acid) जैसे पोषक तत्व (Nutrients) पाए जाते हैं। ये तत्व (Elements) शरीर में कई रोगों (Diseases) से बचाव करते हैं। इस छाल का सेवन करने से शुगर (Blood Sugar), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), हृदय रोग (Heart Diseases), और अन्य बीमारियों (Illnesses) से राहत मिल सकती है।
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अर्जुन के पेड़ की छाल (Arjuna Chhaal) के फायदे
- डायबिटीज में शुगर लेवल को कंट्रोल करना: अर्जुन की छाल ब्लड शुगर (Blood Sugar) को सामान्य (Normal) रखने में मदद करती है, जिससे डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को राहत मिलती है।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना: यह छाल BP (Blood Pressure) को नॉर्मल (Normal) रखने में मदद करती है, जिससे हृदय संबंधी समस्याओं (Heart Issues) से बचाव होता है।
- हृदय रोग से बचाव: अर्जुन की छाल हृदय (Heart) की सेहत को सुधारने में सहायक (Helpful) होती है, जिससे दिल की बीमारियों (Heart Diseases) का खतरा कम होता है।
- खून को पतला करना: यह छाल खून को पतला (Thinning) बनाने में मदद करती है, जिससे रक्त संचार (Blood Circulation) बेहतर होता है।
- ब्लड वेसल्स और आर्टरीज में ब्लॉकेज से बचाव: अर्जुन की छाल रक्तवाहिनियों (Blood Vessels) और आर्टरीज (Arteries) में ब्लॉकेज (Blockage) होने से रोकती है।
- पित्त नाशक: यह पित्त को खत्म (Eliminate) करने का कार्य करती है, जिससे शरीर में शुद्धता (Purity) बनी रहती है।
- लिवर की समस्याओं से छुटकारा: अर्जुन की छाल लिवर (Liver) में सूजन (Swelling) या फैटी लिवर (Fatty Liver) की समस्या को दूर करने में मदद करती है।
- हड्डियों को मजबूत करना: यह छाल हड्डियों (Bones) की सेहत को सुधारने में सहायक (Beneficial) होती है, जिससे हड्डियां मजबूत (Strong) बनती हैं।
अर्जुन की छाल (Arjuna Chhaal) कैसे बनाएं
इसके लिए अर्जुन की छाल का पाउडर (Powder) एक या आधा चम्मच लें। फिर एक बर्तन (Container) में दो कप पानी डालें और इसे उबालने के लिए गैस (Gas) पर रखें। जब पानी उबलने लगे, तो उसमें अर्जुन की छाल का पाउडर डाल दें। चीनी (Sugar) की जगह इस चाय को मीठा करने के लिए शहद (Honey) या मिश्री (Mishri) का प्रयोग करें। जब चाय का पानी उबालकर एक कप बच जाए, तो गैस बंद (Turn Off) कर दें। इस चाय का सेवन गरम-गरम करें और इससे अद्भुत सेहत लाभ (Health Benefits) प्राप्त करें।
कब पीना है ज्यादा फायदेमंद
अर्जुन की छाल (Arjuna Chhaal) की चाय को आप सुबह (Morning) के समय खाली पेट पीने से अधिक लाभ (Benefits) मिलता है। नाश्ते (Breakfast) के एक से डेढ़ घंटे बाद इसका सेवन करें। यदि आप दूध वाली चाय (Milk Tea) पीते हैं, तो उसमें भी अर्जुन की छाल का पाउडर डालकर इसका सेवन कर सकते हैं, जिससे चाय का स्वाद (Taste) और सेहत के गुण बढ़ जाते हैं।
अर्जुन की छाल का सेवन नियमित रूप से करने से आप कई गंभीर बीमारियों (Diseases) से बच सकते हैं और अपनी सेहत को बेहतर (Better) बना सकते हैं।