उन्नाव एनकाउंटर में मारे गए अमेठी के अनुज प्रताप सिंह को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सुल्तानपुर सराफा डकैती कांड में नाम आने के बाद परिवार ने उससे दूरी बना ली थी, और उसके पिता ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया था। यह बेदखली की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। बताया जा रहा है कि विपिन और विनय के संपर्क में आने के बाद अनुज ने अपराध की दुनिया में कदम रखा था।
सूरत में वारदात के बाद जेल जाने पर अनुज प्रताप सिंह के आचरण में बड़ा बदलाव देखा गया था। सूत्रों का कहना है कि अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद उसका व्यवहार काफी बदल गया था। सुल्तानपुर डकैती कांड में नाम आने के बाद परिजनों को भी लगने लगा था कि वह अब जरायम की दुनिया से वापस नहीं आएगा। पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी, और इन हालातों को देखते हुए उसके पिता ने उसे संपत्ति से बेदखल कर दिया। इस बेदखली की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें धर्मराज सिंह, निवासी जनापुर, द्वारा इसे घोषित किया गया है।
सूचना में दावा किया गया है कि अनुज प्रताप सिंह आवारा प्रवृत्ति का था और उसके चाल-चलन में गंभीर समस्याएं थीं। वह अपने पिता को मारने की धमकी देता था और उनके साथ मारपीट भी करता था। अनुज के पिता, धर्मराज सिंह ने पहले उसे बेदखल करने की बात से इनकार किया, लेकिन जब प्रकाशित सूचना का जिक्र हुआ तो उन्होंने स्वीकार किया कि जिस दिन अनुज का एनकाउंटर हुआ, उसी दिन उन्होंने उसे संपत्ति से बेदखल किया था। हालांकि, उन्होंने एनकाउंटर पर सवाल उठाए, लेकिन कहा कि अब उनका बेटा चला गया है और वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते।
कम से कम सरकार को एक मौका तो देना चाहिए था
बेटे के एनकाउंटर को लेकर धर्मराज सिंह ने कहा कि सरकार जो चाहती थी। वह हो गया। बोले, तकलीफ सिर्फ इस बात है कि एक मुकदमा था, कम से कम सरकार को एक मौका तो देना चाहिए थे सुधरने का। 35-40 मुकदमे वाले घूम रहे हैं। मोहनगंज थाने में अभी तक अनुज के खिलाफ 107/16 तक का एक मामला भी नहीं है। बस इसी बात का दुख है कि सरकार को एक मौका देना चाहिए था
सुल्तानपुर डकैती कांड के आरोपी अनुज प्रताप सिंह का मंगलवार दोपहर उनके पैतृक गांव जनापुर में पुलिस चौकसी के बीच अंतिम संस्कार किया गया। गांव में मातम पसरा हुआ है और भारी पुलिस बल तैनात है, जो अभी भी एहतियातन वहां मौजूद है। अनुज उन्नाव में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारा गया था। सोमवार देर शाम पोस्टमार्टम के बाद उसका शव गांव लाया गया, और मंगलवार को अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। शव यात्रा में कई लोग शामिल हुए, लेकिन इस घटना पर गांव में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर को लेकर गांव में कुछ लोगों में नाराजगी देखी गई। दबी जुबान में लोग कह रहे थे कि अनुज पर कुछ ही मुकदमे थे, जबकि कई अन्य अपराधियों पर अधिक केस होने के बावजूद उन पर ऐसी कार्रवाई नहीं हो रही है। गांव में सन्नाटा पसरा हुआ था, और कुछ लोग घटना को लेकर चर्चा कर रहे थे, लेकिन पूछने पर अधिकांश लोग चुप्पी साधे रहे या घटना को गलत ठहरा रहे थे।
शव के अंतिम संस्कार के दौरान पुलिस ने व्यापक तैयारी की थी। जब शव घर से निकला, तो गांव में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया। हालांकि, परिजनों ने शांतिपूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार कर दिया। एसओ राकेश सिंह ने बताया कि अनुज के शव का शांतिपूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार किया गया है और एहतियातन कुछ पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात किया गया है।