जंगल से लकड़ी बीनकर घर लौटते समय दो सगी बहनें ट्रेन की चपेट में आ गईं और उनकी दुखद मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और पंचनामा भरकर परिजनों के अनुरोध पर शवों को बिना पोस्टमार्टम किए ही सौंप दिए।
शुक्रवार की शाम, आंचल (19) और काजल (20), पुत्री जबर सिंह, निवासी ग्राम गेंडाजूड, जंगल से लकड़ी बीनने गई थीं, जो Bijnor के स्योहारा गांव के पास स्थित रेलवे लाइन के पास है। लकड़ी बीनने के बाद, घर लौटते समय लगभग 5:54 बजे मेवानवादा रेलवे हाल्ट पर अप लाइन पर एक मालगाड़ी गुजर रही थी, जबकि डाउन लाइन पर लिंक एक्सप्रेस आ रही थी। जैसे ही मालगाड़ी निकल गई, दोनों बहनें रेलवे लाइन पार करने लगीं और अचानक लिंक एक्सप्रेस की चपेट में आ गईं।
घटना की जानकारी स्टेशन मास्टर आरिफ कमाल ने कंट्रोल रूम के साथ-साथ आरपीएफ, जीआरपी और सिविल पुलिस को दी। सूचना मिलने पर एसपी पूर्वी धर्म सिंह मार्छल, सीओ सर्वम सिंह और थानाध्यक्ष धीरज नागर मौके पर पहुंचे। पुलिस ने दोनों युवतियों के शवों को अपने कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और परिजनों के अनुरोध पर अंतिम संस्कार के लिए शव सौंप दिए।
ट्रेन की चपेट में आकर जान गंवाने वाली दोनों बहनें आठवीं तक पढ़ाई कर चुकी थीं। उनकी मां की बीमारी के कारण काफी समय पहले मृत्यु हो गई थी, और पिता मेहनत मजदूरी करते हैं। दोनों बहनें अपने पिता के साथ घर चलाने में मदद करती थीं।
“दो सगी बहनों की रेलगाड़ी की चपेट में आकर मौत हो गई है। परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया है, और शव उन्हें सौंप दिया गया है।” – धर्म सिंह मार्छल, एसपी पूर्वी धामपुर