उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने मुख्यमंत्री का निजी सचिव बनकर ठगी करने वाले फ़ारूख अमन को कमता तिराहे से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। बयान के अनुसार, फारूख अमन न केवल ठगी करता था बल्कि ऑनलाइन जुआ संचालित करने वाले गिरोह का भी प्रमुख सदस्य है। रात की गई इस गिरफ्तारी में यह खुलासा हुआ कि आरोपी पैसे लेकर प्रतियोगी परीक्षाएं पास कराने और अन्य सरकारी कार्यों में मदद करने का झांसा देकर लोगों से ठगी कर रहा था। मामले की गहन जांच जारी है।
आरोपी फारूख अमन (26), जो उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के सहरियां गांव का निवासी है, को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। उसके कब्जे से दो मोबाइल फोन, आधार कार्ड, ‘वर्क प्रिंट आउट’ समेत कई दस्तावेज बरामद किए गए हैं। एसटीएफ के बयान के अनुसार, आरोपी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निजी सचिव के रूप में खुद को पेश करने के लिए एक फर्जी व्हाट्सएप अकाउंट बनाया था। इस अकाउंट में उसने उच्च अधिकारियों के सीयूजी (Closed User Group) नंबर जोड़े थे और संगठित रूप से लोगों से पैसे लेकर अधिकारियों से पैरवी कराने और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाएं पास कराने का झांसा दिया जा रहा था। एसटीएफ को लंबे समय से इस संगठित गिरोह की सूचना मिल रही थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। मामले की आगे की जांच जारी है।
जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि ठगी करने वाले गिरोह का मुख्य सहयोगी फारूख अमन लखनऊ में मौजूद है। सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने देर रात उसे कमता तिराहा, अवध बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार फारूख अमन पर थाना साइबर क्राइम कमिश्नरेट लखनऊ में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले में अग्रिम कानूनी कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है। यह पहली बार नहीं है जब किसी राजनेता के अधिकारी का झूठा नाम लेकर ठगी की गई हो; इससे पहले भी ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां फर्जी पहचान का इस्तेमाल करके ठगी की गई है।