Shringverpur Dham: रामायण की अमर धरोहर
प्रयागराज का महाकुंभ 2025
प्रयागराज, जिसे पहले तीर्थराज प्रयाग कहा जाता था, 2025 के जनवरी माह से महाकुंभ (Kumbh Mela) की शुरुआत करेगा। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक मेला है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं और गंगा-यमुना के संगम पर आस्था की डुबकी लगाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार (Government) इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने के लिए कई विकास परियोजनाओं पर काम कर रही है।
Shringverpur Dham का पौराणिक महत्व
महाकुंभ के दौरान यदि आप प्रयागराज आ रहे हैं तो लगभग 40 किमी दूर स्थित श्रृंगवेरपुर (Shringverpur dham) जरूर जाएं। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। यह वही स्थान है जहां भगवान राम वनवास के समय निषादराज (King of Nishads) के गांव में रुके थे। यहीं निषादराज ने अपनी मित्रता निभाते हुए भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण को गंगा नदी पार करवाई थी।
- Nishad: मछुआरों का राजा।
- Friendship: मित्रता।
32 बीघे में बना भव्य पार्क
Shringverpur Dham में भगवान राम और निषादराज की मित्रता को दर्शाने के लिए एक विशाल पार्क तैयार किया गया है। यह पार्क 32 बीघे क्षेत्र में फैला हुआ है और इसे बनाने में 165 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। पार्क में 51 फीट ऊंची भगवान राम और निषादराज की प्रतिमा लगाई गई है, जो इसकी विशेषता को और बढ़ाती है।
Prime Minister Narendra Modi 13 दिसंबर को इस पार्क का उद्घाटन करेंगे। इस भव्य परियोजना का उद्देश्य श्रृंगवेरपुर को पर्यटन और धार्मिक स्थल के रूप में विश्वभर में पहचान दिलाना है।
- Statue: मूर्ति।
- Project: परियोजना।
कैसे पहुंचे श्रृंगवेरपुर?
Shringverpur Dham तक पहुंचने के लिए प्रयागराज से कानपुर-बनारस हाईवे (Highway) पकड़ें। हाईवे से 2 किमी अंदर जाने पर आप दूर से भगवान राम और निषादराज की गले लगती हुई विशाल प्रतिमा देख सकते हैं।
धाम तक पहुंचने के लिए एक नई सड़क बनाई गई है और इसे Google Maps पर भी ढूंढा जा सकता है। यह स्थान फाफामऊ और सोरांव के बीच स्थित है।
- Location: स्थान।
- Route: मार्ग।
त्रेतायुग का अनुभव कराता श्रृंगवेरपुर
पार्क में प्रवेश करते ही ऐसा महसूस होता है जैसे त्रेतायुग (Treta Yuga) में पहुंच गए हों। पत्थरों को तराशकर बनाई गई आकृतियां रामायण की कहानियों को जीवंत करती हैं।
यहां निषादराज और भगवान राम की गंगा पार करते हुए आकृतियां बनाई गई हैं। नाव पर भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और निषादराज के साथ बैठी एक सुंदर झलक देखने को मिलती है।
सत्संग भवन (Meditation Hall) और अन्य पौराणिक आकृतियां इस पार्क की शोभा बढ़ाती हैं। इन कलाकृतियों में रामायण की कहानियों को बारीकी से उकेरा गया है।
- Sculptures: मूर्तियां।
- Meditation: ध्यान।
भाजपा का सियासी संदेश
श्रृंगवेरपुर धाम के विकास के माध्यम से भाजपा सरकार प्रदेशवासियों के बीच धार्मिक और सांस्कृतिक संदेश देने की कोशिश कर रही है।
श्रृंगवेरपुर का लंबे समय तक उपेक्षित रहना अब समाप्त हो गया है, और यह स्थान पर्यटन तथा धार्मिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।
- Political: राजनैतिक।
- Message: संदेश।
श्रृंगवेरपुर क्यों जाएं?
महाकुंभ के दौरान प्रयागराज आने वाले श्रद्धालुओं के लिए श्रृंगवेरपुर एक अद्वितीय अनुभव है। यह स्थान भगवान राम और निषादराज की मित्रता की गाथा को जीवंत करता है।
गंगा नदी के किनारे बसे इस पौराणिक स्थल को देखकर ऐसा लगता है जैसे त्रेतायुग सजीव हो उठा हो।
- Unique: अद्वितीय।
- Historic: ऐतिहासिक।
यात्रा को यादगार बनाएं
महाकुंभ के दौरान श्रृंगवेरपुर धाम की यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का अनुभव कराएगी, बल्कि आपको रामायण की कहानियों को जीवंत रूप में देखने का मौका भी देगी। यह स्थल त्रेतायुग के महत्व को समझने और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से प्राचीन इतिहास को महसूस करने का अद्भुत स्थान है।
Experience त्रेता युग और बनाएं अपनी यात्रा को अविस्मरणीय।