रविचंद्रन अश्विन ने बांग्लादेश के खिलाफ चेन्नई टेस्ट के पहले दिन तूफानी अंदाज में शतक ठोका। उन्होंने पिच के अनुभव का इस्तेमाल करते हुए आक्रामक खेल दिखाया और बांग्लादेशी गेंदबाजों पर दबाव बना दिया। चेपॉक के मैदान पर उनका यह दूसरा शतक था, जहां उन्होंने 102 रन बनाकर नाबाद रहे।
अश्विन की रणनीति
अश्विन ने मैच के बाद कहा कि उन्होंने जानबूझकर आक्रामक बल्लेबाजी करने का फैसला किया। “यह चेन्नई की पुरानी पिच है, जिसमें थोड़ा उछाल है,” उन्होंने कहा। अश्विन ने ऋषभ पंत के बल्लेबाजी से प्रेरित होकर अपने खेल में तेजी लाई। पंत ने 52 गेंदों में 39 रन बनाकर अच्छी पारी खेली, लेकिन एक लूज स्ट्रोक पर आउट हो गए।
टीम इंडिया की स्थिति
भारत ने पहले दिन 6 विकेट पर 339 रन बनाए। अश्विन के साथ रविंद्र जडेजा ने नाबाद 86 रन की साझेदारी निभाई, जिससे टीम को मजबूती मिली। अश्विन ने बताया कि “बांग्लादेश के गेंदबाजों पर दबदबा बनाना जरूरी था,” और इसी कारण उन्होंने 112 गेंदों में अपना शतक पूरा किया।
टीएनपीएल का असर
अश्विन ने अपनी बल्लेबाजी में सुधार के लिए तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में अपने हालिया प्रदर्शन को श्रेय दिया। “मैंने अपनी बल्लेबाजी पर काम किया है और टी20 टूर्नामेंट ने मेरी मदद की,” उन्होंने कहा।
जडेजा का योगदान
अश्विन ने जडेजा के सहयोग की सराहना करते हुए कहा, “जड्डू ने काफी मदद की। ऐसा समय था जब मैं थक गया था, लेकिन उन्होंने मेरा मार्गदर्शन किया।” जडेजा पिछले कुछ सालों में टीम के लिए एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं, और उनकी उपस्थिति ने अश्विन को प्रेरित किया।
घरेलू दर्शकों के सामने खेलना
अश्विन ने घरेलू दर्शकों के सामने खेलने के अनुभव को खास बताते हुए कहा, “यह हमेशा विशेष होता है। इस मैदान पर खेलना मुझे बहुत पसंद है, क्योंकि इसने मुझे कई शानदार यादें दी हैं।”
इस तरह, अश्विन ने न केवल अपने प्रदर्शन से बल्कि अपनी रणनीति और टीम के सहयोग से भी बांग्लादेशी टीम को कड़ी चुनौती दी है।