शहडोल | जिला चिकित्सालय शहडोल के सिविल सर्जन डाक्टर जीएस परिहार के खिलाफ प्रताड़ना के आरोप की शिकायत करने वाली वाली महिला चिकित्सक के स्थानान्तरण का आदेश गत 20 सितम्बर को संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल से जारी कर दिया गया ,जिसमे महिला चिकित्सक का ट्रांसफर शहडोल जिला चिकित्सालय से सिविल अस्पताल विजयराघोगढ़ कटनी के लिए किया गया है | जबकि सिविल सर्जन के खिलाफ लगाए गये आरोपों की जांच रिपोर्ट अभी तक सामने भी नहीं आई थी | अब महिला चिकित्सक के स्थानान्तरण को लेकर सवाल खड़े होने लगे है | जानकारों के अनुसार यह स्थानांतरण शासन की स्थानान्तरण नीतियों को ताक में रखकर किया गया है | जबकि अभी तक स्थानान्तरण में बैन लगा हुआ है | इस बीच पांच वर्ष के लिए अनुबंध वाले मात्र एक महिला चिकित्सक के स्थानान्तरण का आदेश कैसे और किन नियमो के तहत कर दिया गया , यह समझ से परे है ?
पद स्थापना में कोई परिवतन नहीं किया जाएगा
जानकारी के अनुसार संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं भोपाल द्वारा दिनांक 10 जुलाई 2023 को आदेश क्रमांक -1 / जी /विज्ञप्त /सेल /संविदा /2023 /767 के तहत पांच वर्ष के अनुबंध के तहत प्रदेश के विभिन्न जिलो में कुल 104 दन्तरोग चिकित्सको की पद स्थापना का आदेश जारी किया गया था | उक्त आदेश में इन चिकित्सको के लिए कुल 13 सेवा शर्तों का उल्लेख है | जिसमे आंठवें नम्बर पर स्पष्ट रूप से लिखा है कि आगामी पांच वर्षों तक इनकी पद स्थापना में कोई परिवर्तन नहीं किया जाएगा | अब ऐसी स्थिति में शासन के उक्त सेवा नियम को कैसे दरकिनार कर शिकायत करने वाली महिला चिकित्सक का दूसरे जिले में ट्रांसफर कर दिया गया ?
विभाग की वेबसाइड में अपलोडिंग से पहले कर दिया रिलीव
कार्यस्थल में महिला चिकित्सक की प्रताड़ना से जुड़ा यह मामला इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में है और यह एक संवेदनशील गंभीर मुद्दा भी बन गया है कलकत्ता में हुई महिला डाक्टर की ह्त्या के बाद से | शहडोल जिला अस्पताल की एक महिला चिकित्सक के द्वारा अस्पताल के सिविल सर्जन डाक्टर जी एस परिहार के खिलाफ लगाए गये प्रताड़ना के आरोपों की शिकायत पर कलेक्टर द्वारा कराई गयी जांच रिपोर्ट सामने आने से पहले ही शिकायतकर्ता महिला चिकित्सक का ट्रांसफर किए जाने के बाद मामला और गर्मा गया है |
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अफसरों के अनुसार ट्रांसफर आदेश 20 सितम्बर 2024 को जारी किया गया ,उक्त आदेश की हार्ड कॉपी डाक के जरिए शहडोल तक आने में समय लगेगा ,लेकिन कल तक विभाग की वेबसाइड में भी महिला चिकित्सक के ट्रांसफर का आर्डर अपलोड नहीं था और सिविल सर्जन ने तूफानी रफ़्तार से उन्हें रिलीव कर दिया | जो उक्त महिला चिकित्सक के प्रति उनके व्यवहार को इंगित कर रहा है |
जबकि पूर्व में एक महिला चिकित्सक को स्थानान्तरण के सालो बाद भी कार्यमुक्त नहीं किया गया था | ऐसी स्थिति में सवाल यह उठ रहा है कि आखिर सिविल सर्जन के पास किस माध्यम से यह ट्रांसफर लेटर पहुँच गया | और उन्होंने चंद घंटो में महिला चिकित्सक को अस्पताल से कार्यमुक्त कर दिया | जबकि महिला चिकित्सक की नियुक्ति का आदेश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से दिनांक 21 जुलाई 2023 को जारी किया गया था , लेकिन अभी वहाँ तक महिला चिकित्सक के ट्रांसफर की कोई सूचना नहीं पहुंची है | ऐसे में नियमतः सीएमएचओ कार्यालय के लिए सिविल सर्जन को इस ट्रांसफर से सम्बन्धित पत्र भेज उन्हें इससे अवगत कराया जाना चाहिए था ,जिसके बाद वहाँ से कार्यमुक्ति का आदेश जारी किया जाता |
वरिष्ठ अधिकारियों की थी लिखित शिकायत
पूर्व मे उक्त महिला चिकित्सक द्वारा कई बार कलेक्टर, कमिश्नर सहित अन्य अधिकारियों को लिखित शिकायत देकर जिला चिकित्सालय में पदस्थ सिविल सर्जन डॉ जी एस परिहार पर प्रताड़ना के आरोप लगाए गए थे। इस शिकायत के बाद कलेक्टर द्वारा अपने स्तर से जांच टीम का गठन किया गया था। जांच टीम का प्रतिवेदन सामने आने के पहले ही उक्त डाक्टर को ही हटा दिया गया।उक्त लिखित शिकायत एवं पूर्व मे जारी वीडियो के बार अब एक बार फिर शिकायतकर्ता महिला चिकित्सक द्वारा एक वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री से मार्मिक अपील करते हुए न्याय की गुहार लगाईं गयी है ।जिसके बार फिर एक बार अस्पताल के सिविल सर्जन डाक्टर जी एस परिहार के खिलाफ की गयी प्रताड़ना के आरोप की शिकायत का मुद्दा गर्मा गया है। विदित हो शहडोल जिला चिकित्सालय में अनुबंध के तहत पदस्थ महिला चिकित्सक द्वारा अस्पताल के सिविल सर्जन के खिलाफ प्रताड़ना की शिकायत दर्ज कराई तो उसे न्याय दिलाने की जगह उसका जिले से बाहर ट्रांसफर कर दिया गया
इस मामले के सम्बन्ध में जब महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष विभा पटेल से चर्चा की गयी तो उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है , राज्य सरकार को इस प्रकार की महिला प्रताड़ना की शिकायत पर विशेष ध्यान देना चाहिए |उन्होंने कहा कि जिसके विरुद्ध महिला ने शिकायत की थी उसे पहले वहाँ से हटाया जाना चाहिए था लेकिन शिकायत करने वाली महिला चिकित्सक का ट्रांसफर कर दिया गया जो कि प्रदेश की भाजपा सरकार की महिला हितैषी होने के दावे की पोल खोल रही है | आप मुझे इस प्रकरण से सम्बन्धित दस्तावेज भेज दीजिये |
पुनः कराई जाए जांच : चपरा
महिला डाक्टर की प्रताड़ना के आरोपों के सम्बन्ध में प्रदेश महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा नेत्री अमिता चपरा का कहना है कि हमारी सरकार महिलाओ के अधिकारों के प्रति पूरी तरह सजग है ,इस मामले की जिला प्रशासन को पुनः जांच कराना चाहिए |