जिला अस्पताल की समीक्षा शुरू की तो बड़े ही चौकाने वाले तथ्य सामने आना शुरू हो गये । समीक्षा के दौरान पता चला कि जिला अस्पताल लम्बे समय से रेफर सेंटर के रूप में तब्दील हो चुका है । यहाँ प्रसूति समेत अन्य वार्डों में विभिन्न बीमारी के इलाज के लिए आने वाले मरीजो को हाई रिस्क बताकर उन्हें यहाँ से मेडिकल कालेज अथवा किसी अन्य हायर सेंटर के लिए रेफर करना आम बात हो गयी है ।
जिला अस्पताल से कुछ समय पहले मेडिकल कालेज रेफर किए गये कुछ मामलों की जब डाक्टर मिश्रा द्वारा मेडिकल कालेज प्रबंधन से समन्वय स्थापित कर जानकारी ली गयी तो बड़े ही चौकाने वाली बात सामने आई । जिसमे यह पता चला कि जितने मरीजों को यहाँ मेडिकल कालेज रेफर किया गया उनमे से अधिकाँश की हालत सामान्य होती है कुछ केसों को छोडकर । जिन सामान्य मरीजों को रेफर किया गया था , इन सभी का जिला अस्पताल में इलाज किया जा सकता था लेकिन फिर भी इन मरीजों को अकारण जिला अस्पताल से रेफर किया गया । इन मरीजो में सर्वाधिक प्रसुताए शामिल हैं ।
मेडिकल कालेज के गेट पर प्रसव
प्रभारी सिविल सर्जन एवं सीएमएचओ डाक्टर मिश्रा के सामने समीक्षा के दौरान यह बात भी सामने आई कि कुछ दिन पहले एक प्रसूता जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में प्रसव के लिए पहुंची थी । जिसका बिना चेकअप किए एवं डाक्टर की अनुपस्थिति में ही उसे हाई रिस्क बताकर मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया । जैसे ही महिला यहाँ से मेडिकल कालेज के प्रवेश द्वार पहुंची ,वहाँ ही उसका प्रसव हो गया । उसने एक बच्चे को जन्म दिया । उसकी स्थति बिलकुल सामान्य थी इसके बावजूद उसकी जान खतरे में डालकर उसे जिला अस्पताल से मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया था । ऐसे कई अन्य प्रसूति विभाग के साथ साथ अन्य वार्डों के माम्लेसामने आ रहें है ,जब एक सामान्य स्थिति वाले मरीज को गंभीर बताकर उसे मेडिकल कालेज समेत अन्य हायर सेंटर अकारण रेफर कर दिया गया ।
गंभीर बताकर मेडिकल कालेज रेफर
ऐसे में समीक्षा के दौरान यह बात सामने आई कि जिला अस्पताल को जिम्मेदार डाक्टर्स एवं नर्सों ने रेफर सेंटर में तब्दील कर रखा है । प्रस्तुति वार्ड के अलावा शिशु ,मेडिकल एवं सर्जरी विभाग में भी ऐसे मामले सामने आ रहें है ,जब बिना किसी हाई रिस्क के मरीज को गंभीर बताकर उसे मेडिकल कालेज भेज दिया जाता है । अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि अगर पूर्व में पदस्थ रहे सिविल सर्जन डाक्टर परिहार अस्पताल के बाहरी रंग रोगन को दिखाकर तश्वीर खिंचाने के बजाए अस्पताल की आंतरिक व्यवस्था सुधार करने में ध्यान देते तो शायद आज इतने बड़े अस्पताल की ऐसी स्थिति सामने नहीं आती । शायद कलेक्टर तक यह बात पहुँचने के बाद ही उन्होंने एक कड़ा प्रस्ताव शासन के समक्ष पूर्व सिविल सर्जन डाक्टर परिहार के विरुद्ध भेजा था । क्योंकी उनके स्थानान्तरण आदेश में भी इस बात का उल्लेख किया गया था कि डाक्टर परिहार अपने पदीय दायित्त्वों के निर्वहन में असफल साबित हो रहें है । बहरहाल अब जिला अस्पताल की पटरी से उतरी स्वास्थ्य व्यवस्था कब तक पटरी पर आएगी यह आने वाला समय बताएगा ।
प्रदेश का दूसरे नम्बर का रेफर सेंटर का तमगा
सम्बंधित विभाग के कुछ चिकित्सकों एवं स्टाफ की अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता तथा पूर्व सिविल सर्जन के द्वारा पदीय दायित्त्वों का सही निर्वहन नहीं करने की वजह से नतीजा यह निकला था कि कुछ समय पहले जिला अस्पताल शहडोल को प्रदेश में दूसरे नम्बर के रेफर सेंटर का तमगा मिल गया था । इसलिए इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि पूर्व में केवल बाहरी रंग रोगन में ध्यान दिए जाने कें कारण जिला अस्पताल रेफर सेंटर बन गया था ।
वेतन वृद्धि रोकने के साथ सेवा समाप्ति तक का नियम
समीक्षा के दौरान जब या सारी बातें सीएमएचओ डाक्टर राजेश मिश्रा के सामने आई तो उन्होंने इसे काफी गंभीरता से लिया और अस्पताल के सभी वार्डो के स्टाफ व चिकित्सकों को स्पष्ट शब्दों में हिदायत दी है कि अब आगे ऐसी स्थिति जिला अस्पताल में सामने नहीं आनी चाहिए । विषम परिस्थिति में ही मरीज को यहाँ से रेफर किया जाए । विशेषकर प्रसूति विभाग के डाक्टर व नर्स को चेताया है कि सर्वाधिक मरीज यहाँ से ही रेफर किए जाते हैं । जबकि उनकी स्थिति रेफर करने की नहीं होती फिर भी आप लोग अपने कर्तव्यों से विमुख होकर ऐसा कर रहें है ।प्रदेश सरकार के प्रसुताओं के इलाज व उनकी सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश हैं ,अगर भविष्य में किसी सामान्य स्थिति वाले मरीज को यहाँ से अकारण रेफर किया गया तो सम्बन्धित जनो के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी । इसमें वेतन वृद्धि रोकने के साथ साथ सेवा से प्रथक करने तक का प्रस्ताव भेजना शामिल है । इसलिए भविष्य में ऐसी स्थिति सामने अनहि आने चाहिए ।
हर हफ्ते करूंगा समीक्षा
डाक्टर मिश्रा ने कहा कि अब वह हर हफ्ते ऐसे मामले की समीक्षा मेडिकल कालेज से समन्वय बनाकर करेंगे कि किन परिस्थति में मरीज को जिला अस्पताल से रेफर किया गया है ? अब कोई भी भर्रेशाही पूर्व की तरह नहीं चलेगी ,जिस कार्य के लिए आपकी नियुक्ति हुई है आप सभी को अपने पदीय दायित्त्वों का निर्वहन करना होगा ।