पशु मालिक काफी डरे सहमे हुए है ,क्योंकी दो वर्ष पूर्व इसी तरह अज्ञात जंगली जानवर के द्वारा धनपुरी में पखवाड़ा भर के भीतर करीब 25 से 30 बकरा -बकरियों को मौत के घाट उतार दिया गया था । इस बार ऐसी घटना की शुरुआत जिले के बुढार में हुई है ।
जहां भुतही टोला निवासी मोहम्मद नसीम के बाड़े के अंदर मौजूद आठ नग बकरा -बकरियों को किसी अज्ञात खूंखार जंगली जानवर ने खून चूसकर मौत के घाट उतार दिया । सुबह जब घर के लोग बाड़ा गये तो देखा कि सारे बकरे बकरियां मरे हुए जमींन पर पड़े हुए हैं । मृत मवेशियों के शरीर में हमले के कारण कुछ खून निकला हुआ दिखाई दे रहा था । लेकिन किसी भी मृत मवेशी के शरीर से मांश नोचने जैसा कोई निशाँन नहीं था । देखने पर ऐसा आभाष हो रहा है कि हमला करने वाले जंगली जानवर ने केवल इन बकरे बकरियों का खून चूसकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है ।
आखिर वह कौन सा जानवर है ,इस बात का पता अब तक नहीं चल सका है ? ऐसी आशंका जताई जा रही है कि यह बिघवा अथवा जंगली बिलार हो सकता है । इस घटना के बाद से बुढार समेत पूरे कोयलांचल में एक बार फिर पशु मालिक चिंता में आ गये हैं । सभी को यही डर सताने लगा है कि कहीं पिछले बार की तरह हर रात वह जंगली जानवर फिर से हमारे बकरे बकरियों को मारने न आने लगे । घटना की जानकारी वन विभाग के साथ साथ पशु चिकित्सा विभाग को भी पशु मालिक द्वारा दे दी गयी है ।
विदित हो कि दो वर्ष ऐसे ही किसी अज्ञात जंगली जानवर ने बकरीद के त्यौहार से पूर्व करीब 15 दिन के भीतर अलग अलग घरों के आँगन व बाड़ियों में बंधे 25 से 30 बकरे बकरियों का खून पीकर उन्हें मौत की नींद सुला दिया था । जिसमे पशु मालिकों को लाखो रुपए का नुक्सान हुआ था । शिकायत के बाद वन विभाग द्वारा नाम मात्र का मुआवजा देकर कर्तव्यो से इतिक्ष्री कर ली ।
इस सम्बन्ध में वन परिक्षेत्राधिकारी बुढार सलीम खान से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि हमे जानकारी मिली है ,प्रथम दृष्टया किसी जानवर के दांत के निशाँन मृत मवेशियों के शरीर पर दिखाई दे रहें हैं । पशु चिकित्सक की रिपोर्ट आने के बाद मुआवजा के लिए विभाग आगे कार्यवाही करेगा ।