माइंस के अंदर प्रवेश किए जाने की बात सामने आई है । चालको से पूछताछ के बाद जब कोई सकारात्मक उत्तर एसआईएसएफ के जवानों को नहीं मिला तब अमलाई पुलिस को इसकी जानकारी दी गयी । कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी ।
जानकारी के अनुसार रामपुर मेगा प्रोजेक्ट में हर दिन वैध दस्तावेजों के आधार पर सैकड़ों ट्रकों में कोयला लोड कर जहां तहां परिवहन किया जाता है । वहाँ चौबीसों घंटे ट्रकों की कतार लगी रहती है । सभी ट्रक वैध दस्तावेजों के साथ रामपुर माइंस के मुख्य द्वार से विधिवत इंट्री के बाद कोयला लोड करने अंदर प्रवेश करतें हैं । लेकिन मंगलवार को दो डाला बाडी ट्रक माइंस के पीछे की तरफ से अंदर प्रवेश किए जाने की जानकारी वहाँ सुरक्षा के लिए मौजूद एसआईएसएफ के जवानों को लगी तो हडकंप मच गया ,कि अवैध रूप से यह ट्रक माइंस के अंदर कैसे पहुँच गये ।
इसके बाद ट्रक चालकों से से पूछताछ करने पर कोई सटीक जवाब नहीं मिलने पर सम्बन्धित अमलाई थाना पुलिस को सूचना दी गयी । कुछ देर बाद पुलिस भी मौके पर पहुँच गयी । अवैध रूप से पीछे की तरफ से माइंस के अंदर आए इन ट्रकों में किसका कोयला लोड कर और कहां परिवहन किया जाना था ,इस बात का पता लगाया जा रहा है ।
प्रबंधन पर भी सवाल
इस घटना के बाद अब कालरी प्रबंधन पर भी सवाल खड़े हो रहें है ,आखिर बेरोक टोक पीछे के रास्ते बिन वैध इंट्री के खदान के अंदर कैसे प्रवेश कर लिए । यह चर्चा भी चल रही है कि क्या क्षेत्र के किसी कोल माफिया के इशारे पर माइंस के कुछ जिम्मेदारों की मिली भगत से कोयला तो पार नहीं कराया जा रहा था ।
इस सम्बन्ध में थाना प्रभारी अमलाई जीपी शर्मा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है ,दस्तावेजों की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है । प्रारम्भिक तौर पर गलती के कारण पीछे से इन ट्रकों के प्रवेश की बात सामने आई है ।