मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक व्यक्ति, बलराम चढ़ार, की सालाना आय मात्र दो रुपये है, जिसे विश्व का सबसे गरीब व्यक्ति माना जाता है। हालाँकि, सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाने में उसे मुश्किलें झेलनी पड़ीं। जब भी वह अपना आय प्रमाण पत्र दिखाने जाता, अधिकारी उसे भगा देते थे और कहते थे कि ऐसा संभव नहीं है। लेकिन हाल ही में इस पीड़ित परिवार को एक बड़ी खुशखबरी मिली है।
बलराम, जो ग्राम घोघरा के निवासी हैं, ने जनवरी में आय प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया था। 8 जनवरी 2024 को तहसीलदार ज्ञानचंद राय ने उसे प्रमाण पत्र जारी किया, जिसमें उसकी आय केवल दो रुपये बताई गई थी। इस वजह से उसे सरकारी सहायता नहीं मिल पा रही थी। बलराम ने आवेदन करते समय अपनी वार्षिक आय 40 हजार रुपये बताई थी, लेकिन प्रमाण पत्र में यह आंकड़ा गलत तरीके से दर्ज किया गया था।
जब मामला मीडिया में आया, तो प्रशासन ने अपनी गलती को स्वीकार किया। अब बलराम का आय प्रमाण पत्र सही कर दिया गया है, जिसमें उसकी आय 40 हजार रुपये दर्शाई गई है। तहसीलदार ज्ञानचंद राय का पहले ही तबादला हो चुका है। बलराम ने कहा कि उसे इस बात की खुशी है कि अंततः उसकी समस्या का समाधान हो गया, हालाँकि इसके लिए उसे छह महीने का इंतजार करना पड़ा।