बंगवार भूमिगत खान द्वारा लिखित आदेश जारी कर कहा गया है कि वन विभाग एवं जिला प्रशासन शहडोल द्वारा जारी दिशा
निर्देश के अनुशार बंगवार भूमिगत खान में कार्यरत समस्त अधिकारी, कर्मचारी एवं ठेकेदारी कामगारो को सूचित किया
गया है कि एसईसीएल सोहागपुर क्षेत्र अंतर्गत जंगलो में बाघों का आवागमन जारी है, जिससे लोगो में बाघों के प्रति भय का
वातावरण बना हुआ है। इसलिए आप सभी को निर्देशित किया जाता है कि द्वितीय पाली एवं रात्रि पाली में ग्रुप बनाकर ड्यूटी
हेतु आना-जाना करे एवं अकेले कही भी आवागमन न करे, और हमेशा मुख्य रास्तों का ही उपयोग करेंगे। जब तक जिला
प्रशासन द्वारा स्थिति सामान्य होने कि जानकारी नहीं दी जाती तब तक सब्सिडेंस क्षेत्र कि निगरानी एवं अन्य कार्य हेतु कोई
भी कामगार अग्रिम आदेश तक सब्सिडेंस क्षेत्र में आना-जाना नहीं करेगा ।
जंगल से लगा हुआ है माइंस का एरिया
विदित हो कि बंगवार भूमिगत कोयला खदान ,जंगल से लगे हुए क्षेत्र में संचालित है । साथ ही कब्रिस्तान मार्ग से होकर माइंस ज्पहुंच मार्ग में भी जंगल व सूनसान होने से ख़तरा बना रहता है ।अब बाघ की क्षेत्र में दहशत के कारण कालरी प्रबंधन भी किसी अनहोनी को लेकर पहले ही सचेत हो चुका है । जिसके बाद ऐसी एडवाइजरी जारी कर कर्मचारियों को सतर्क रहने की अपील की गयी है । चूँकि द्वितीय शिफ्ट में रात्रि करीब 12 बजे कर्मचारी माइंस से घर लौटने के लिए निकलतें हैं ,इसी तरह रात्रि शिफ्ट में भी कर्मचारी रात 12 बजे माइंस आतें हैं । इसलिए इन दोनों शिफ्टों में रात्रि में आते -जाते समय रास्ते में खतरे का अंदेशा बना रहता है । जिसे देखते हुए कालरी प्रबंधन द्वारा वर्तमान की परिस्थिति के अनुरूप ऐसी एडवाइजरी कर्मचारी हित में जारी की गयी है ।
वहीँ दूसरी ओर शहडोल के अंतरा गाँव में बीते दिनों बाघ के द्वारा की गयी जनहानि के बाद से वन अमला उसकी लोकेशन ट्रैक करने में मुस्तैदी के साथ जुटा हुआ है । लेकिन घटना के चार दिन बाद भी अब तक बाघ की सही लोकेशन का पता नही चल सका है ।
फैलाई जा रही अफवाहें
इस बीच बाघ के मूवमेंट को लेकर शोसल मीडिया में तरह तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है । हर दिन पुरानी वीडियो को पोस्ट कर उसे नया बताने की मानो होड़ सी लगी हुई है । वन विभाग एवं जिला प्रशासन ने ऐसी किसी भी अफवाह से बचने की अपील आमजन से की है ।