राख से माथे पर क्रूस का चिह बनाएंगे। इसी दिन से कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट दोनों समुदायों 40 दिन के उपवास की शुरुआत करेंगे। इस अवधि में वे प्रभु यीशु मसीह के मानव कल्याण के लिए दिए गए बलिदान को याद कर उनके संदेशों के अनुरूप सेवा कार्य करेंगे। सभी चर्च में रोज प्रार्थना सभाएं होगी और प्रभु यीशु के बलिदान और उनकी महिमा के गीत गाए जाएंगे।
प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को किया जाएगा याद
रेव्हरेंट जे. एस. मैथयूज, सेंट लुक ईएलसी चर्च ने बताया कि 40 दिन तक प्रार्थना सभाएं होंगी। लोग उपवास रखकर जनहित के कार्य करेंगे। इस अवधि सेवाकार्य पर विशेष महत्व दिया जाएगा। यह दुख भोग के दिन होते हैं। इसमें गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के बलिदान के बाद घरों व चर्च में बाइबिल पाठ, उनके संदेशों का वाचन किया जाएगा।
खजूर की डालियो की भस्म
बिशप एस. के. आशावान शहडोल क्रिस्चियन चर्च ने बताया कि सभी चर्च में राख बुधवार मनाया गया । सभी अपने माथे पर खजूर की डालियो की भस्म लगाकर प्रभु यीशु का स्मरण किया । कई लोग राख से माथे पर क्रूस का चिह्न बनाएंगे। 40 दिन लोग उपवास रखकर बाइबिल का पाठ करेंगे। उन्हें प्रभु के संदेश सुनाए जाएंगे। इसी तरह कैथोलिक समुदाय के होली स्पिरिट कैथोलिक चर्च में भी राख बुधवार पर प्रातः एवं शाम को विशेष प्रार्थना सभाएं हुई ।
सुख-शांति के लिए प्रार्थना
फादर जगन राज एवं फादर सुरेंद्र जॉन ने बताया की इस बार चालीस दिनी प्रार्थना का विषय विश्व शांति का रहेगा। कैथोलिक समुदाय के लोग सेवा कार्यों को प्राथमिकता देते हुए देश की खुशहाली व सुख-शांति के लिए प्रार्थना करेंगे। इस समय प्रभु यीशु के त्याग व बलिदान से जुड़े गीत गाए जाएंगे और उनके संदेशों का वाचन किया जाएगा। प्रार्थना सभा में प्रभु यीशु मसीह के बलिदान को याद करेंगे।
साथ ही फादर ने बताया कि 5 मार्च को राख बुधवार से 40 दिन के उपवास रखना शुरू किया गया । यह अवधि दुख भोग के रूप में मनाते हैं। इसलिए मनोरंजन आदि के कार्यक्रम नहीं करते हैं। इन दिनों में प्रभु यीशु के क्रूस पर दिए गए बलिदान को याद कर प्रार्थना सभाएं की जाती है। गुड फ्राइडे के बाद प्रभु यीशु के पुनरुत्थान का ईस्टर पर्व मनाया जाएगा।