कंधे पर हमला कर भाग गया । जिससे चरवाहे के कंधे में चोट आई है । हमले के बाद घायल चरवाहे को परिजनों द्वारा देवलोंद अस्पताल लाया गया ,जहां उसका उपचार किया गया । हालाकि इस हमले में कंधे में चरवाहे को हल्की चोट ही आई है । उसकी हालत बिलकुल सामान्य है ।
घटना के बारे में स्वयं घायल चरवाहा चरका पाल निवासी ग्राम करौंदिया 60 वर्ष ने बताया कि वह हर दिन की तरह गत दोपहर भी बकरियां चराने गाँव से करीब डेढ़ दो किलो मीटर दूर जंगल गया था । इसी दौरान शाम को लौटने से कुछ समय पहले अचानक किसी जंगली जानवर ने पीछे से मेरे कंधे के पास हमला कर दिया और मै वहीँ गिरकर अचेत हो गया । जब मै उठा तब तक उक्त जंगली जानवर भाग चुका था । घटना की जानकारी लगने के बाद मेरे परिजन मुझे रात्रि में देवलोंद अस्पताल लेकर आए । उक्त अज्ञात जंगली जानवर हमला करके तुरंत भाग गया ,जिस कारण मै उसे देख भी नहीं पाया । चरवाहे की हालत बिलकुल सामान्य है ।
वहीँ इस घटना के बाद से करौन्दिया समेत जंगल से लगे ग्राम गाड़ा ,नथुनी ,बुढवा तथा बाणसागर समेत आसपास के दर्जन भर गाँवों में दहशत व्याप्त है । क्योंकी यह सभी गाँव जंगल से महज दो से 7 किलो मीटर की दूरी पर ही स्थित है । लोगों को भय सता रहा है कि कहीं उक्त जंगली जानवर भटककर गाँव के अंदर न आ जाए ।
वन अमले की कार्यशैली पर सवाल
टेसू पर्यावरण संरक्षक दल बाणसागर के अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्निहोत्री समेत अन्य ग्रामीणों ने क्षेत्रीय वन अमले की कार्यशैली पर सवाल खडा किया है । लोगों का आरोप है कहने को तो क्षेत्र में हाथियों के मूवमेंट के बाद कई सुरक्षा टीम वन अमले द्वारा गठित किए जाने की बात वन अमला कहता है ,लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर है । बाणसागर समेत बासपास के क्षेत्र में हाथी समेत अन्य जंगली जानवरों का मूवमेंट अक्सर बना रहता है । लेकिन वन विभाग की उक्त सुरक्षा टीम केवल किसी अप्रिय घटना के समय ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर कर्तव्यों से इतिश्री कर लेती है ।
श्री अग्निहोत्री ने वैन विभाग के ऊपर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वर्तमान समय तेंदू पत्ता की तुड़ाई चल रही है ,वन विभाग की अनुमति के अनुसार ही ग्रामीण तेंदू पत्ता तोड़ने जाते है । ऐसी स्थिति में वन विभाग को उन ग्रामीणों की सुरक्षा का इन्तेजाम करना चाहिए । बाणसागर क्षेत्र में पूर्व में हाथी के हमले के बाद वन विभाग द्वारा जो प्रशिक्षित टीम सुरक्षा की दृष्टि से गठित की गयी थी , उस टीम को धरातल पर आकर काम करना चाहिए । जबकि उक्त टीमें वर्तमान समय केवल कागजो में ही कार्य कर रही है ।
इस सम्बन्ध में वन विभाग के एसडीओ रेशम सिंह धुर्वे से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि एक ग्रामीण के ऊपर अज्ञात जंगली जानवर ने हमला किया है ,उसकी पहचान नहीं हो सकी है । चूँकि घटना स्थल की मिटटी काफी सख्त होने के कारण उसके पंजे के निशाँन भी दिखाई नहीं दे रहें हैं और न ही चरवाहा ही उसे देख पाया था । संभवतः उक्त जानवर तेंदुआ हो सकता है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है ।