मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस में बड़ा फेरबदल, 6 इंस्पेक्टर समेत 34 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में RTO के पूर्व कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के ठिकानों पर लोकायुक्त पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस मामले के बीच लोकायुक्त पुलिस संगठन में बड़ा फेरबदल किया गया है। पुलिस मुख्यालय ने रविवार को 6 इंस्पेक्टर और 28 अन्य पुलिसकर्मियों को लोकायुक्त संगठन में नियुक्त किया है।
दरअसल, तीन दिन पहले लोकायुक्त संगठन में तैनात 4 डीएसपी, 6 इंस्पेक्टर और 24 पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया था। अब लोकायुक्त पुलिस में नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं, जो इस फेरबदल के बाद की स्थिति को दर्शाते हैं।
इन 6 इंस्पेक्टरों की हुई नियुक्ति
लोकायुक्त पुलिस द्वारा नियुक्त किए गए 6 इंस्पेक्टरों में सक्तूराम मरावी, शशिकला मस्कुले, दिनेश कुमार भोजक, आनंद चौहान, जितेंद्र यादव और कार्यवाहक निरीक्षक बलराम सिंह शामिल हैं। इनकी नियुक्ति लोकायुक्त संगठन में की गई है।
3 निरीक्षकों की हुई ईओडब्ल्यू में तैनाती
पुलिस मुख्यालय से जारी आदेश के अनुसार, तीन पुलिस निरीक्षकों को ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध शाखा) में तैनात किया गया है। इनमें संजय शुक्ला, पंकज द्विवेदी और योगेंद्र सिसोदिया का नाम शामिल है। ये तीनों पहले जीआरपी इंदौर और इंदौर पुलिस बल में तैनात थे।
इन उप पुलिस अधीक्षकों को हटाया गया
लोकायुक्त पुलिस संगठन से हटाए गए उप पुलिस अधीक्षकों में प्रवीण नारायण बघेल (इंदौर), बसंत श्रीवास्तव (उज्जैन), राजेश खेड़े (रीवा) और प्रमेंद्र कुमार सिंह (रीवा) का नाम शामिल है। इन सभी को पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया है।
लोकायुक्त संगठन में भेजे गए कर्मचारियों की सूची
इसके अलावा, जिन कर्मचारियों की सेवाएं लोकायुक्त संगठन में भेजी गई हैं, उनमें कार्यवाहक प्रधान आरक्षक रणजीत द्विवेदी, यशवंत सिंह ठाकुर, आशीष आर्य, विनोद यादव, विनय कुमार घोघरे, आरक्षक रामेश्वर निगवाल, प्रदीप दुबे, रवि सिंह, प्रवीण कुमार, सतेंद्र बहादुर सिंह, कृष्ण कुमार सेन, राजेश सिंह ठाकुर, संजीव कुमारिया, गौरव साहू, चैतन्य प्रताप सिंह, यशवंत पटेल, संदीप कुमार शुक्ला, नीलेश चौबे, राजेंद्र कुमार बकोरिया, पंकज सिंह बिष्ट, विपिन वर्मा, जितेंद्र सिंह, मेहबूब कुरैशी, सतीश कौशल, पुनीत सिंह, दिलीप कुमार पटेल, प्रदीप दुबे और मनोज मिश्रा जैसे कर्मी शामिल हैं।
यह फेरबदल लोकायुक्त पुलिस संगठन में किए गए प्रशासनिक बदलावों की एक कड़ी है, जो अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है।