माँ के लिए उसे गोद ले पाना कितना मुश्किल हो रहा होगा । क्योंकी उसका वजन जन्म लेने के बाद सिर्फ 8 सौ 50 ग्राम ही था । लेकिन जिला चिकित्सालय में उस नवजात का गहन इलाज कर उसे एक नया जीवन प्रदान किया गया । क्योंकी उसने महज सात माह ही माँ की कोख में रहने के बाद जन्म ले लिया था । उसका वजन एक किलो ग्राम से भी कम करीब 850 ग्राम ही था । ऐसे नवजात को परिजनों द्वारा जिला चिकित्सालय के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया था ,जहां करीब दो माह तक चिकित्सकों एवं वहाँ के स्टाफ द्वारा अपने फर्ज़ को निभाते हुए उस नवजात का इलाज़ कर उसे एक नया जीवन प्रदान किया गया ।
-जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर सुनील हथगेल ने बताया कि खमरिया टोला सोहागपुर निवासी आशा बैगा पति अशोक बैगा ने करीब 2 माह पहले समय पूर्व सात माह में एक नवजात (बच्ची ) को जन्म दिया । समय पूर्व प्रसव होने के कारण नवजात काफी कमजोर थी ,उसका वजन मात्र 850 ग्राम ही था । जन्म के बाद उस्की हालत देख माता -पिता भी दुखी हो गये । वह तो उस नवजात की जिंदगी को लेकर भी शंका में थे कि इतना कम वजन का बच्चा कैसे जीवित रह पाएगा ।
बड़ी उम्मीद के साथ आए थे जिला चिकित्सालय
परिजन उस नवजात को बड़ी उम्मीद के साथ जिला चिकित्सालय लेकर पहुँचे थे । चिकित्सीय परीक्षण उपरान्त उसे एसएनसीयू ( नवजात गहन चिकित्सा कक्ष ) में भर्ती किया गया । उस नवजात का इलाज कर उसे बचाना हमारे लिए एक कठिन चुनौती थी । फिर भी हमने इसे चैलेन्ज के रूप में स्वीकार करते हुए उसका उपचार शुरू किया । वार्ड के स्टाफ के सहयोग से नवजात के इलाज के दौरान उसमे ग्रोथ होना शुरू हुई । करीब दो माह तक उसका समुचित उपचार व देख रेख करने के बाद वह सात माह में जन्मी नवजात पूर्णतः स्वस्थ्य हो गयी । बीते दिनों उसे यहाँ से डिस्चार्ज भी कर दिया गया ।
इलाज करना होता है मुश्किल
बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर सुनील हथगेल ने बताया कि समय से पहले एवं 1 किलो से कम वजन के जन्मे नवजात शिशुओं, जिनका सभी वाइटल आर्गेन्स ठीक से काम नहीं कर पाते, सांस भी ठीक से नही ले पाते और कभी भी सांस रोक लेते है। साथ ही ऐसे नवजात में इन्फेक्शन का भी बहुत खतरा होता है । ऐसे शिशुओं का बड़े से बड़े अस्पतालों मे भी बेहतरीन उपचार के बाद, बचा पाना काफ़ी मुश्किल होता है । उपचार के दौरान बच्ची को 2 बार खून भी चढ़ाया गया । बच्ची के उपचार मे उनकी माँ ने हमारा पूरा साथ दिया । जिन बातों को उन्हें बताया और समझाया गया सबका पालन उनके द्वारा किया गया । सबके प्रयास से अब बच्ची पुर्णतः स्वस्थ्य हो गयी है । उसे अब जिला चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिया गया है ।